गुजरात में बीजेपी को घेरने के लिए कांग्रेस ने दोतरफा हमला करने की रणनीति अपनाई है. एक तरफ जहां कांग्रेस दलित अत्याचार को खुलकर उठा रही है, वहीं पटेल पाटीदार को मनाने के लिए कांग्रेस ने अपने दरवाजे खोल दिए हैं. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी की रणनीति है कि, जो पटेल पाटीदार नेता सरकार से नाराज हैं उनको कांग्रेस में लाया जाए. पार्टी ने इसके लिए अपने वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और स्थानीय नेता सिद्धार्थ पटेल को जिम्मेदारी दी है. गुजरात के प्रभारी महासचिव गुरुदास कामत से इसकी इजाजत ले ली गई है.
राहुल से डेलिगेशन करेगा मुलाकात
अगले हफ्ते में दो डेलीगेशन गुजरात से आकर राहुल गांधी से मिलेंगे. हालांकि, कांग्रेस की रणनीति है कि, हार्दिक पटेल को पार्टी में नहीं लिया जाए, बल्कि वह अलग मंच से बीजेपी और मोदी पर हमला करें.
पटेल आंदोलन को भुनाने की तैयारी
गुजरात में 25 फीसदी से ज्यादा पटेल हैं. कांग्रेस के चिमन भाई पटेल की सरकार तक पटेल कांग्रेस के साथ रहे, फिर बीजेपी से जुड़ गए. उनको वापस कांग्रेस में लाने की पूरी कवायद होगी.
डिनर डिप्लोमसी का भी लिया जाएगा सहारा
कांग्रेस में पार्टी में एकजुटता के लिए डिनर डिप्लोमेसी का भी प्रोग्राम बनाया है. पहला डिनर इस हफ्ते सिद्धार्थ पटेल के घर होगा, जिसमें AICC जनरल सेक्रेटरी के साथ पीसीसी चीफ और महत्वपूर्ण नेता होंगे. हर 15 दिनों में इस तरह के प्रोग्राम किए जाएंगे.