गुजरात विधानसभा चुनाव में अब धीरे-धीरे 2 महीने का बी वक्त बचा है. ऐसे में राज्यसभा चुनाव के खात्मे के यूपीए के सहयोगी पार्टी एनसीपी और कांग्रेस के बीच राजनैतिक संबंध बदलने लगे हैं. दरअसल, गुजरात कांग्रेस ने इस बीच कहा है कि इस चुनाव में कांग्रेस अपने यूपीए के साथी दल एनसीपी के साथ गठबंधन नही करेगा. राज्यसभा चुनाव में अहमद पटेल को मिले वोट के बाद गुजरात कांग्रेस ने यह फैसला लिया है. गुजरात कांग्रेस का मानना है कि एनसीपी के गुजरात में दो विधायक हैं. गठबंधन के बावजूद एनसीपी के विधायकों ने एक भी वोट उन्हें नहीं दिया.
इतना ही नहीं गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी का कहना हैं कि गुजरात के भीतर लम्बे वक्त से एनसीपी बीजेपी की बी टीम के तौर पर काम कर रही है. वहीं एनसीपी इस बात से पूरी तरहा नकार रही है कि एनसीपी के दोनों विधायकों ने बीजेपी को वोट दिए. प्रफुल्ल पटेल कहते हैं कि अहमद पटेल को एक सप्ताह पहले ही बता दिया गया था कि उनका एक विधायक बीजेपी को वोट देगा. वहीं दूसरे विधायक ने अहमद पटेल को वोट दिया.
इस पूरे प्रकरण के बाद प्रफुल्ल पटेल कह रहे हैं कि गठबंधन के रहने या न रहने का फैसला आने वाले समय पर लिया जाएगा. साथ ही एनसीपी खुद को अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार कर रही है.
सत्ताविरोधी लहर से कांग्रेस को उम्मीद
गुजरात में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को उम्मीद है कि उसे बीते 20 सालों के सत्ताविरोधी लहर का फायदा मिलेगा. हालांकि एनसीपी भी ऐसी सीटों पर अपने प्रत्याशियों को उतारने की जुगत में लगी है जहां वो भी सत्ताविरोधी लहर का फायदा उठा सके. ऐसी स्थिति में अगर कांग्रेस और एनसीपी के साथ न रहने का सबसे अधिक फायदा बीजेपी को ही मिलेगा.