गुजरात में सार्वजनिक स्थानों पर अनाधिकृत पूजा स्थलों के निर्माण पर विवाद का मामला हाईकोर्ट में सुना गया. गृह सचिव के हलफनामे पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है. राज्य में सार्वजनिक स्थानों पर अनधिकृत पूजा स्थलों से केवल 23.33% संरचनाएं हटाई गईं.
कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर अभी भी बड़ी संख्या में अनधिकृत निर्माण वाले धार्मिक स्थल मौजूद हैं. कोर्ट ने यह भी कहा कि नीतिगत निर्णय लेने के बाद भी सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया.
दरअसल, सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश में सार्वजनिक स्थानों पर बने अनाधिकृत निर्माणों को यदि स्वेच्छा से नहीं हटाया गया तो सरकार मालिकाना हक की पुष्टि कर नोटिस देकर ऐसे अनाधिकृत निर्माणों को हटा देगी. राज्य सरकार द्वारा अदालत में दायर हलफनामे में प्रस्तुत विवरण के अनुसार राज्य में 13,900 से अधिक अनधिकृत धार्मिक स्थल मौजूद हैं.
हाईकोर्ट ने गृह सचिव को आदेश दिया कि वर्तमान में सार्वजनिक स्थानों पर अवैध रूप से बने धार्मिक स्थलों की पूरी रिपोर्ट 27 फरवरी तक पेश करें. वर्ष 2006 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश के अनुसार यह आदेश दिया गया था कि सभी राज्य सरकारों को सार्वजनिक स्थानों पर अनधिकृत निर्माण को हटाने के लिए कदम उठाना होगा.