गुजरात के अहमदाबाद में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा स्थापित गुजरात विद्यापीठ विवाद में है. विद्यापीठ में हर साल होने वाले पारंपरिक गरबा के आयोजन को लेकर विवाद सामने आया है. विद्यापीठ के छात्रों का आरोप है कि गरबा के आयोजन के लिए मुख्य मैदान मांगा गया था. मगर, मैनेजमेंट ने मैदान देने से इनकार कर दिया. साथ ही हॉस्टल से निकाले जाने की धमकी दी जा रही है.
जानकारी के मुताबिक, गुजरात विद्यापीठ में नवरात्रि के दौरान वर्षों से रीति रिवाज के अनुसार गरबा का आयोजन विद्यापीठ के कर्मचारी और छात्र मिलकर करते हैं. मगर, छात्रों का आरोप है कि इस बार गरबा के आयोजन के लिए मुख्य मैदान की मांग की गई थी. विद्यापीठ मैनेजमेंट ने मैदान देने की जगह हमें धमकाया है. जब हमने इसका विरोध किया, तो हॉस्टल से निकाल देने की धमकी दी.
साथ ही साथ छात्रों का यह भी आरोप है कि गुजरात विद्यापीठ मैनेजमेंट ने कहा कि मामले की शिकायत हमारे माता-पिता इसकी शिकायत की जाएगी. छात्रों का कहना है कि गरबा के आयोजन के लिए मुख्य मैदान क्यों नहीं दिया जा रहा? इसका जवाब जब कुलनायक, कुलसचिव समेत अलग-अलग अधिकारियों और विभागों से पूछा गया तो कोई जवाब नहीं दिया गया है.
वाइस चांसलर का यह है कहना
विवाद को लेकर वाइस चांसलर भरत जोशी ने बताया कि गरबा के सेलिब्रेशन के लिए किसी को भी रोका नहीं गया है. गरबा का आयोजन विद्यापीठ में जारी है. मंगलवार देर रात तक मैं खुद विद्यापीठ में उपस्थित था. हालांकि, उन्होंने ये भी स्वीकार किया कि हर साल की तुलना में कल भीड़ कम दिखी. इसकी वजह बताते हुए वाइस चांसलर ने कहा कि आज विद्यापीठ का 104वां स्थापना दिवस है और पदवीदान समारोह का आयोजन भी है. इस वजह से छात्र देर रात तक तैयारियों में व्यस्त थे और गरबा में संख्या कम रही होगी.
लगातार नियमों में हो रहे बदलाव, विवादों को दे रहे बढ़ावा
बता दें कि कुछ महीनों पहले ही गुजरात विद्यापीठ के चांसलर के तौर पर गुजरात राज्य के गवर्नर आचार्य देवव्रत ने कमान संभाली थी. इसके बाद फीस में बढ़ोतरी, हॉस्टल के नियम में बदलाव और प्रार्थना सभा को लेकर विवाद हुआ था. विद्यापीठ में कई नियमों में भी बदलाव भी किए गए. इसके चलते कर्मचारियों-छात्रों और मैनेजमेंट के बीच लगातार विवाद सामने आता रहा है.