अरब सागर में पनपा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय तेजी से भारत के तटीय इलाकों की तरफ बढ़ रहा है. गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल में इस तूफान का असर दिखना शुरू हो गया है. समंदर से ऊंची लहरें उठ रही हैं. खतरे को देखते हुए तीनों राज्य सरकारें अलर्ट मोड पर हैं. इस बीच एशियाई शेरों के लिए प्रसिद्ध गिर के जंगल पर इस तूफान का असर पड़ता दिख रहा है. यहां समुद्र तट से नजदीक 100 शेरों का स्थायी निवास है. इन शेरों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है.
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गिर सफारी को किया गया बंद
300 ट्रैकर्स के जरिए शेरों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. ट्रैकर्स के जरिए शेरों पर आने वाले संभावित खतरे को पहले ही भांपा जा सकेगा. इससे समय रहते हुए शेरों की जान बचाई जा सकेगी. तूफान के कारण 70 से 80 किमी की गति से हवाएं चल सकती हैं.किसी भी वन्यजीव को हानि न हो वन विभाग इसके लिए पुख्ता इंतजाम कर रहा है.
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आराधना साहू CCF जुनागढ़ ने बताया बिपरजॉय तूफान की भयानक असर को देख 12 से 16 जून तक गिर जंगल सफारी और देवलिया पार्क को बंद कर दिया गया है. बता दें कि गिर सफारी में 16 जून से 4 महीने का मॉनसून वैकेशन की भी शुरुआत होती है. अब गिर सफारी 16 अक्टूबर को ही खुलेगा.
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इससे पहले तूफान में हुआ था भारी नुकसान
खतरे को देखते हुए तूफान के दौरान किसी को भी को गिर जंगल में न जाने की अपील की गई है. देवलिया पार्क को इस तूफान के खत्म होते ही खोला जाएगा. बता दें कि गिर जंगल से तौकते तूफान से काफी पेड़ गिर गए थे. ऐसे में प्रशासन इस बार पहले से ही सतर्क है. खतरे को भांपते हुए गिर सफारी को पहले ही बंद कर दिया गया है.