नवरात्र के दौरान होने वाले गरबा समारोह को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे. इसी कड़ी में गुजरात के सूफी इमाम मेहदी हुसैन ने विवादास्पद बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि गरबा पर राक्षसों का कब्जा हो गया है. खेड़ा गांव में इमाम हुसैन ने कहा कि गरबा एक धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि राक्षसों के लिए मनोरंजन है. यह वही इमाम हैं जिन्होंने 2011 में नरेंद्र मोदी को मंच पर मुस्लिम टोपी पहनानी चाही थी, लेकिन गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने इससे इनकार कर दिया था.
विश्व हिंदू परिषद ने उनकी इस टिप्पणी का विरोध करते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग की है. उधर, मामले की संवेदनशीलता समझते हुए पुलिस ने नवरात्र से जुड़े आयोजनों की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर दी है.
इमाम मेहदी हुसैन ने रविवार को कहा, 'साधु और संत गरबा में नजर नहीं आते. इनमें फिल्म एक्टर्स और आपराधिक पृष्ठभूमि के लोग भड़काऊ कपड़ों में नाचते नजर आते हैं.' लव जिहाद पर इमाम ने कहा, 'लोग कहते हैं कि साढ़े चार लाख हिंदू लड़कियों को मुस्लिम युवक रिझा रहे हैं. कोई कहता है कि मुस्लिम युवकों की गरबा में एंट्री बैन होनी चाहिए. क्या धार्मिक त्योहारों को लेकर इस तरह की भावनाएं जाहिर करना उचित है?'.
इमाम के बयान पर बवाल मच गया है. विश्व हिंदू परिषद की गुजरात इकाई के महासचिव रणछोड़ भारवाड़ ने कहा, 'इमाम को गिरफ्तार किया जाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता तो उन्हें हम खुद उन्हें पुलिस को सौंप देंगे.' याद रहे कि हाल ही में गोधरा के एक दक्षिणपंथी संगठन ने फरमान सुनाया था कि गरबा में मुसलमानों की एंट्री पर बैन लगना चाहिए. इसके अलावा, एक अन्य संगठन हिंदू अस्मिता रक्षक समिति ने भी आशंका जाहिर की थी कि इन कार्यक्रमों के दौरान 'लव जिहाद' के तथाकथित समर्थक हिंदू महिलाओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं.