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राशन कार्ड पर कुत्ते का नाम! जब सच खुला तो उड़े अफसरों के होश

जब कर्मचारियों ने देखा तो वाकई में राशन कार्ड पर कालू नाम लिखा था, जो उनका पालतू कुत्ता था. गलती सामने आने बाद कुत्ते का नाम बदलकर महिला का नाम लिखा गया.

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प्रतीकात्मक फोटो.
प्रतीकात्मक फोटो.

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गुजरात के पालनपुर शहर में राशन कार्ड से जुड़ी बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां एक परिवार 8 साल से कुत्ते के नाम पर सरकारी राशन दुकान से सस्ता राशन लेता रहा. इस बात की खबर की तहसीलदार कार्यालय को लगी तो हड़कंप मच गया. सभी आला अफसर और कर्मचारी लीपापोती में लग गए. आनन-फानन में कर्मचारियों ने स्थिति को भांपते हुए तुरंत अपनी गलती सुधार ली.

दरअसल, पालनपुर के जेतवास गांव में मुगलीबेन परमार का परिवार रहता है. उनके घर में आई नई बहू का नाम राशन कार्ड में दर्ज कराने के लिए परिवार के सदस्य तहसीलदार कार्यालय के दिन-रात चक्कर लगा रहे थे, लेकिन उनका नाम राशन कार्ड में दर्ज नहीं किया जा रहा था.

सरकारी अफसरों के कामकाज से तंग आकर आखिरकार बहू तहसीलदार कार्यालय पर जा पहुंची. यहां उसने पहले कर्मचारियों से उसका नाम राशन कार्ड में लिखने कहा. लेकिन वो उसे टालते रहे. इससे नाराज होकर उसने कहा कि राशन कार्ड में यदि कालू कुत्ते का नाम लिख सकते हो तो मेरा क्यों नहीं लिख रहे हो. यह सुनते ही तहसीलदार कार्यालय में हड़कंप मच गया.

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जब कर्मचारियों ने देखा तो वाकई में राशन कार्ड पर कालू नाम लिखा था, जो उनका पालतू कुत्ता था. गलती सामने आने बाद कुत्ते का नाम बदलकर महिला का नाम लिखा गया.

जब इस बात की खबर मीडिया में आई तो सरकारी अफसरों की लीपा-पोती शुरू हो गई. अफसर गलती छिपाने के लिए यह तर्क देते रहे कि जनगणना के वक्त जब सरकारी कर्मचारी मुगलीबेन परमार के घर पहुंचे तो उन्होंने परिवार के सदस्य का नाम कालू लिखवा दिया था.

बताया जा रहा है कि परिवार के लोग कालू के नाम पर आठ साल तक सरकारी दुकान से सस्ता राशन खरीदते रहे. अब कुत्ते की मौत भी हो चुकी है. हालांकि, अब शिकायत मिलने पर तहसीलदार कार्यालय से परिवार का नया राशन कार्ड बनाया गया है.

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