गुजरात में पिछले कुछ सालों से नाबालिगों के साथ हो रहे दुष्कर्म के मामलों में राज्य सरकार ने गंभीरता दिखाते हुए उसे स्पेशल पोक्सो कोर्ट में चलाने का और साथ ही जल्द पीडितों को न्याय दिलाने की मुहिम उठाई थी. इसका असर अब धीरे-धीरे होता दिख रहा है. गुरुवार को एक ही दिन में अमरेली, वडोदरा और राजकोट जिलों के 7 पीड़ितों को एक ही दिन में न्याय दिलाया गया.
दरअसल, 25 फरवरी 2025 को एक ही दिन में अमरेली, वडोदरा और राजकोट जिलों की विशेष अदालतों ने पोक्सो मामले में सात महत्वपूर्ण फैसले सुनाए हैं. जिसमें अमरेली, वडोदरा और राजकोट की सात अलग-अलग पीड़ितों को न्याय मिला है, साथ ही सभी सात बलात्कारियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. नाबालिगों से बलात्कार और पोक्सो के विभिन्न गंभीर मामलों में अमरेली, वडोदरा और राजकोट शहर और राजकोट ग्रामीण पुलिस द्वारा की गई गहन जांच, एकत्रित तकनीकी और अन्य साक्ष्य, सरकारी अभियोजक की प्रभावी दलीलों और एफएसएल रिपोर्ट के आधार पर, सभी सात आरोपियों को सात अलग-अलग पोक्सो घटनाओं में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.
अमरेली के दो मामलों में आरोपी की गिरफ्तारी के मात्र 17 दिन बाद ही आरोपपत्र दाखिल कर दिया गया तथा तीसरे मामले में पुलिस ने आरोपी को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया था. जबकि राजकोट शहर में बलात्कार और हत्या के मामले में पुलिस ने 40 दिनों के भीतर आरोप पत्र दायर कर दिया. दूसरी ओर राजकोट ग्रामीण पुलिस ने पाटनवाव मामले में घटना के दिन ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और भायावदर मामले में 7 दिनों के भीतर आरोपपत्र दाखिल कर दिया था. जिसकी वजह से यह पीडितों को जल्द न्याय मिल पाया.
गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने अमरेली, वडोदरा और राजकोट जिलों में इन सात मामलों की जांच करने वाली पुलिस टीम के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा है कि राज्य सरकार पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ऐसे अपराधों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई जारी रखेगी. उल्लेखनीय है कि राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में विशेष न्यायालय ने 3 वर्षों में पोक्सो मामलों में 947 फैसलों में कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इनमें से 574 को आजीवन कारावास और 11 को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है.