मशहूर कवि कुमार विश्वास ने कुछ दिनों पहले RSS पर टिप्पणी की थी. इसके बाद कवि की खूब आलोचना हुई थी. हालांकि बाद में कुमार विश्वास ने अपने बयान के लिए माफी भी मांगी थी. इस बयान का खामियाजा कुमार विश्वास को अब भुगतना पड़ रहा है. दरअसल गुजरात के वडोदरा में कुमार विश्वास का कार्यक्रम होना था. लेकिन RSS पर की गई टिप्पणी के बाद उनका कार्यक्रम रद्द हो गया है.
बता दें कि कवि कुमार विश्वास का वडोदरा में 3 और 4 मार्च को होने वाला कार्यक्रम आयोजक जिगर इनामदार ने ही रद्द कर दिया है. आरएसएस पर की गई उनकी टिप्पणी की वजह से ये कार्यक्रम रद्द किया गया है.
RSS का अपमान करना कुमार विश्वास को पड़ा भारी
गौरतलब है कि एमएस यूनिवर्सिटी में यह कार्यक्रम आयोजित होना था. इसे लेकर एमएस यूनिवर्सिटी के सेनेट मेंबर जिगर का इस कार्यक्रम को लेकर कहना है कि कुमार विश्वास ने RSS का अपमान किया. उन्होंने कहा, हमारी मातृ संस्था आरएसएस के लिए इस तरह का शब्दों का इस्तेमाल किया है जिस वजह से कार्यक्रम को रद्द किया है.
इस बयान से मची खलबली
दरअसल कवि कुमार विश्वास ने मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक कथा के दौरान आरएसएस को अनपढ़ और वामपंथियों को कुपढ़ कह दिया था. उन्होंने यह बात बजट पर टिप्पणी करते हुए कही. कुमार विश्वास की इसी बात को लेकर बीजेपी समर्थकों में काफी गुस्सा है.
विवाद बढ़ने के बाद जारी किया बयान
विवाद बढ़ने के बाद कुमार विश्वास ने अपने इस बयान को लेकर माफी भी मांगी. एक वीडियो बयान जारी कर उन्होंने कहा, कथा प्रसंग में मेरे कार्यालय में काम करने वाले एक बालक के विषय में मैंने एक टिप्पणी की, जो संयोग से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में काम करता है, पढ़ता लिखता कम है, बोलता ज्यादा है. मैंने उससे कहा कि तुम पढ़ा करो. तुम पढ़ते नहीं हो. वामपंथी कुपढ़ हैं और तुम अनपढ़ हो. सिर्फ इतनी सी बात मैंने कही, और इसे कुछ लोगों ने ज्यादा फैला दिया. मैंने उस बच्चे से बोला जो आयु में बहुत छोटा बच्चा है.
कुमार ने मांगी माफी
कुमार ने आगे कहा कि आज मुझे पता चला कि कुछ लोगों ने कहा कि हम इस कथा को भंग करेंगे तो भाई आप याद रखिएगा कि राम की कथा कौन भंग करते हैं. कथा में मैं जो बोल रहा हूं, यदि आप उसे किसी नए अर्थ में समझेंगे तो उसके लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं. यदि आपकी सामान्य बुद्धि में यह प्रसंग किसी और तरीके से चला गया है तो उसके लिए मुझे माफ करें. दो ढाई घंटे में जो उत्सवधर्मी हो, जो अच्छा हो, जो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की कथा से नवनीत निकल सके, उसे लेने की कोशिश करें.