गुजरात में आनंदीबेन पटेल की सरकार ने एक साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. अपने 365 दिनों के कामकाज और केंद्र से लेकर विदेश तक की नीति पर मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने आजतक के साथ खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि वह उपलब्धियां गिनाने से ज्यादा काम करने में विश्वास रखती हैं. शौचालय निर्माण से लेकर स्वस्थ्य के क्षेत्र में सरकार के कामकाज का ब्योरा देते हुए सीएम ने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार के आने से प्रदेश को लाभ मिला है और पीएम खुद भी गुजरात के मॉडल को ही अमल में ला रहे हैं.
सवाल- खुद की सरकार की कौन-सी उपलब्धियां गिनाना चाहेंगी?
सीएम- मैं उपलब्धियां गिनाऊं उससे बेहतर है कि जनता बोले. यही मेरे लिए अच्छा है. लोगों को पूछिए कि पानी मिला और लोग कहें कि हां, मिला. यही मेरी उपलब्धी है. हमने तय किया था कि सोशल सेक्टर में काम करना है. हमने सबसे पहले महिला सशक्तिकरण का काम शुरू किया, जो आज बहुत अच्छी तरह चल रहा है. पिछले एक साल में हमने 6 लाख शौचालय के निर्माण का काम पूरा किया. 500 गांव ऐसे बन चुके हैं, जहां सौ फीसदी शौचालय का काम पूरा हो चुका है.
हमारे 130 नगर निगम और 8 महानगरों में एक-दो को छोड़कर सभी नगर निगम और महानगरों में शौचालय निर्माण का काम पूरा हो चुका है. ये हमारा लक्ष्य था और खुशी है कि हमने उसे पूरा किया. ठीक इसी तरह पानी का लक्ष्य था. गुजरात बांध खाली था, फिर भी हमने लोगों तक पानी पहुंचाया. शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी हमने काम किया है. 4 नई यूनिवर्सिटी, 10 नए कॉलेजों का काम पूरा किया गया. अब हम अगले साल के लक्ष्यों पर काम कर रहे हैं.
सवाल- मोदीजी की तरह कामयाबी का शिखर क्या है?
सीएम- हां, मैं मानती हूं कि हम कामयाब रहे हैं. ये मैं नहीं बोलती, जनता बोलती है.
सवाल- पीएम गुजरात मॉडल की बात करते थे, गुजरात की तो कहीं चर्चा ही नहीं है?
सीएम- ऐसा आपको लगता है. लेकिन 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का जो काम नरेंद्रभाई ने शुरू किया वह गुजरात का ही मॉडल है. 24 घंटे बिजली गुजरात का मॉडल है. मैंने कहा कि 33 फीसदी लड़कियों का गृह विभाग में अमानत रखेंगे तो आज मोदीजी ने भी इसकी घोषणा कर दी. अलग-अलग राज्यों में भी ऐसा हुआ. जाहिर है ये गुजरात मॉडल की चर्चा ही है.
सवाल- कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पानी की किल्लत के पीछे भ्रष्टाचार है?
सीएम- ऐसा नहीं है. हमने कहा था सड़क बनाएंगे. शौचालय की बात को 10 साल हो गए. अब 10 साल में शौचालयों में खराबी तो आएगी ही. हमें नए शौचालय बनाने हैं. नया क्लासरूम बनाना है. घर में ही समय-समय पर रिपेयरिंग का काम करवाना पड़ता है. ऐसे ही स्कूल बने हैं, कॉलेज बने हैं तो रिपेयरिंग का काम करवाना ही होगा. आज गुजरात का मॉडल ही यही है कि हर स्कूल में शौचालय हो. आज आप लोगों से पूछिए कि आंगनबाड़ी के कितने मकान बनाए गए हैं. राज्य सरकार ने 90 फीसदी मकान बना दिए हैं.
पहले यूपीए की सरकार में कोई पैसा नहीं दिया जाता था. कोई ग्रांट नहीं मिलती थी, फिर भी हमने राज्य सरकार की ओर से काम शुरू किया.
सवाल- प्रधानमंत्री के साथ चीन गई थीं, चीन से गुजरात क्या मिलेगा?
सीएम- काफी कुछ मिल गया है और काफी कुछ मिलेगा. ऐसा नहीं है कि दौरा होता है तो सिर्फ लेने के लिए होता है. संबंधों को डवलप करने लिए भी दौरा किया जाता है. कुछ सीखने के लिए कुछ देखने की आवश्यकता रहती है. कुछ इनोवेटिव रहता है. नया प्रोजेक्ट हम वहां देखते हैं तो उसे अपने यहां लागू करते हैं. हमलोग चीन गए तो 30,000 करोड़ का एमओयू साइन हुआ. अभी 20 तारीख को चीन से एक प्रतिनिधि मंडल यहां आ रहा है. जुलाई में चीन के गवर्नर यहां आ रहे हैं. मैं मानती हूं कि हमलोगों ने जो काम किया है उसका लाभ हमें मिलेगा.
सवाल- क्या लगता है आपको चीन और देश के रिश्ते सुधरेंगे?
सीएम- रिश्ते जरूर सुधरेंगे, क्योंकि हमारी सोच वसुधैव कुटुंबकम की है. हम साथ मिलकर काम करेंगे तो आतंकवाद खत्म हो जाएगा. पड़ोसी राज्यों के साथ एक-दूसरे के संबंध हमेशा अच्छे होने चाहिए. इसका ही प्रमाण है कि 21 जून को पूरा विश्व योग के लिए मिल रहा है.
सवाल- पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री दोनों गुजरात से हैं. इसका कितना फायदा मिल रहा है?
सीएम- नर्मदा बांध के दरवाजे की मंजूरी नहीं मिल रही थी. नरेंद्र भाई ने 17 दिनों में मंजूरी दे दी. मेट्रो का काम शुरू हो गया. दो दिन पहले धोलेरा सर के लिए 700 करोड़ रुपया मंजूर किया गया. इसके अलावा जो हमारी 300 योजनाएं थीं, वो भी मंजूर हो गई हैं.
सवाल- आप खुद महिला मुख्यमंत्री हैं. महिलाओं के लिए एक साल में क्या किया?
सीएम- हेल्पलाइन 181 शुरू किया गया. आज काफी महिलाएं इसका इस्तेमाल करती हैं. महिला सुरक्षा समिति बनाई इै. मैं कोई सूचना दूंगी तो सभी गांव तक सूचना पहुंचेगी. गांव का कोई भी काम है तो वो मुझे फोन करती हैं. समय-समय पर प्रदर्शनी लगाई, जिससे घर पर रहने वाली खुद से तैयार की गई चीजों को बेचकर पैसे कमा सकती हैं. इसके अलावा कई ऐसी योजनाएं हैं जो महिलाओं के लिए लाभकारी है. अब हम उनको ऑटोमेटिक मशीन दे रहे हैं.
सवाल- विपक्ष कुपोषण को मुद्दा बनाता है?
सीएम- 40 साल पहले जब महिला बच्चे को जन्म देती थी तो वह कुपोषित होता था. आज गुजरात में ऐसी स्थिती नहीं है. मेरी सरकार महिलाओं पर ध्यान दे रही है. प्राईमरी स्कूल के बच्चों के लिए हमने दूध संजीवनी योजना बनाई. हम ऐसा काम कर रहे हैं कि उनको अच्छा खाना मिले. एक सामुहिक रसोई बना रहे हैं, जिससे पूरे जिले में सभी को गरम भोजन मिलेगा. हम कुपोषण के मुद्दे को एक-दो साल में खत्म कर देंगे.
सवाल- जमीन अधीग्रहण पर क्या राय है?
सीएम- राज्य सरकार की राय है कि अगर आपको विकास का काम करना है, नहर बनाने हैं, किसानों के लिए पानी की व्यवस्था करनी है तो आपको यह करना ही पड़ेगा. आज तक जितने भी बांध बने, सड़कें बनीं, यह सब जमीन अधिग्रहण के कारण ही हो पाया. लेकिन जमीन की कीमत है वो किसानों को मिलनी चाहिए. गुजरात में विकास के काम के लिए जमीन का अधिग्रहण होता है और कोई किसान इसका विरोध नहीं करता. राज्य सरकार कंपनी के लिए किसानों से जमीन नहीं छीनती. किसान खुद अपनी जमीन की बात कंपनी के मालिक से करते हैं.
सवाल- महाराष्ट्र और गुजरात में आप किसे आगे मानती हैं?
सीएम- आगे या पीछे का सवाल नहीं है. महाराष्ट्र वाले यहां आए, हमें कोई परेशानी नहीं है. कपंनी भी देखती है कहां पानी मिलता है, कहां रास्ता है और कहा गुड गवर्नेंस है.
सवाल- राहुल गांधी मोदी को 'सूट-बूट' की सरकार कहते हैं?
सीएम- मैं वही कहूंगी जो अपने जवाब में नरेंद्रभाई ने कहा है. सूट-बूट की सरकार सूटकेस की सरकार से बेहतर है. कांग्रेस को ये कहने का अधिकार नहीं है. जिन लोगों ने अरबों रुपये का भ्रष्टाचार किया, वो नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हैं. ये अच्छी बात नहीं है.
सवाल- राहुल गांधी गांव-गांव की यात्रा कर रहे हैं, क्या कहना चाहेंगी?
सीएम- ये बिना काम के लोग हैं. सत्ता चली गई है तो इनके पास कोई काम नहीं है. 10 साल सत्ता में रहे तब किसान के लिए काम याद नहीं आया. इतनी बार अकाल भी पड़ा, तब कहीं जाकर सुध नहीं ली. अब फुरसत मिली है तो घूमते रहते हैं. टीवी मिडिया उनके साथ रहती है, दिखाते रहते हैं.
सवाल- गुजरात में नगर निगम के चुनाव आ रहे हैं?
सीएम- तैयारी हो चुकी है. जो समय बाकी है उस में तैयारी करेंगे. जो बेस्ट होगा वही नतीजा लाएंगे.
सवाल- संगठन के बारे में क्या कहना चाहेंगी?
सीएम- गुजरात में संगठन मजबूत है. संगठन और सरकार का अच्छा तालमेल है.
सवाल- संगठन मजबूत है तो नए सीमांकन की जरूरत क्यों पड़ी?
सीएम- सीमांकन लाना पड़ा क्योंकि 50 फीसदी महिला आरक्षण लागू हुआ. कई ऐसे ईलाके हैं जो आउट ऑफ डवलपमेंट एरिया हैं, उन्हें कॉरपोरेशन में लाने की जरूरत है.
सवाल- गुजरात में नगर निगम में मुसलमानों को टिकट दिए जाएंगे?
सीएम- पहले भी ऐसा हुआ है कि नगर निगम के चुनाव में मुसलमानों को टिकट बांटा गया. 100 समुदाय के लोगों को टिकट दिया गया और चुनकर भी आए. ऐसा कहना गलत है कि बीजेपी मुसलमानों को टिकट नहीं देती.
सवाल- मोदीजी के जाने बाद गुजरात में कांग्रेस खड़ी हुई है?
सीएम- खड़ी तो होगी, लेकिन कितनी दूर चलेगी और कितनी सीटें लाएगी. कांग्रेस सिर्फ दिखावा करती है, लेकिन हम काम करने में विश्वास रखते हैं.