गुजरात पुलिस ने मणिपुर और नागालैंड में फर्जी हथियार लाइसेंस बनवाकर हरियाणा स्थित रजिस्टर्ड हथियार की दुकान से हथियार मुहैया करवाने वाली गैंग का पर्दाफाश किया है. गुजरात ATS ने अब तक 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, वहीं इस मामले में आरोपियों समेत फर्जी लाइसेंस बनवाने वाले और लाइसेंस के बाद हरियाणा से हथियार दिलाने वालों को आरोपी बनाकर कुल 108 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
रैकेट का भंडाफोड़ - जांच की शुरुआत और खुलासे
गुजरात ATS के DIG सुनील जोशी ने कहा कि गुजरात ATS के डिप्टी एसपी एस.एल. चौधरी को जानकारी मिली थी कि गुजरात के कुछ लोग मणिपुर और नागालैंड से हथियार के लाइसेंस बनवा रहे हैं. इसके बाद जांच शुरू करने पर पता चला कि इस मामले में कुछ एफआईआर गुजरात के अलग-अलग पुलिस थानों में दर्ज थीं.
डिप्टी एसपी को मिली जानकारी के मुताबिक हमारे पास उन 7 मुख्य आरोपियों के नाम थे, जो हरियाणा के नूंह स्थित हथियार की दुकान से फर्जी लाइसेंस के आधार पर हथियार हासिल करते थे. इस मामले में गुजरात ATS के साथ अहमदाबाद और सूरत क्राइम ब्रांच समेत गुजरात के कुछ जिलों की LCB की टीमें भी जांच में जुटी थीं.
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सात आरोपियों को गिरफ्तार करके कुल 108 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इनमें फर्जी लाइसेंस लेने वालों से लेकर हथियार दिलाने वालों तक सभी शामिल हैं. जांच अभी जारी है, जिसमें आरोपियों की संख्या और भी बढ़ सकती है.
आरोपियों की पहचान और भूमिका
गुजरात ATS ने अब तक जिन 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें अर्जुन, मुकेश, बृजेश, विशाल, धैर्य, शैलाजी और सद्दाम हुसैन शामिल हैं. ये सभी गुजरात के निवासी हैं, जो उन लोगों से संपर्क करते थे जिन्हें हथियार का लाइसेंस चाहिए होता था लेकिन नियमों के अनुसार नहीं मिल पाता था.
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मुख्य रूप से हरियाणा के नूंह स्थित हथियार की दुकान चलाने वाले शोकत अली छोटू खान, फारूख अली छोटे खान, आसिफ और उनके कुछ सहयोगियों द्वारा पैसों के लालच में पिछले 6 सालों से लोगों को फंसाया जा रहा था. ये सभी लोगों के दस्तावेज लेकर नागालैंड और मणिपुर से फर्जी हथियार लाइसेंस बनवाते थे. फर्जी लाइसेंस बनने के बाद हथियार हरियाणा के नूंह की दुकान से दिए जाते थे.
हरियाणा कनेक्शन और फर्जी लाइसेंस की प्रक्रिया
गुजरात ATS का कहना है कि आरोपियों से मिली जानकारी के अनुसार गुजरात के 52 लोगों ने नागालैंड और मणिपुर से फर्जी हथियार लाइसेंस बनवाने के लिए इनसे संपर्क किया था और हथियार हासिल किए थे.
पैसों के लेन-देन और डीलिंग
हरियाणा के नूंह स्थित हथियार की दुकान के मालिक द्वारा 7 लाख से 20 लाख रुपये तक में लाइसेंस दिलाने की डील की जाती थी. इसमें 7 लाख रुपये में फर्जी लाइसेंस और 20 लाख रुपये में फर्जी लाइसेंस के साथ हथियार दिलाने तक की डील होती थी.
वर्तमान स्थिति और जांच की दिशा
आरोपियों को कोर्ट में पेश करके रिमांड लेकर ATS गुजरात द्वारा आगे पूछताछ की जाएगी. फरार आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा. ATS की टीम इस मामले की आगे की जांच के लिए अभी नागालैंड और मणिपुर में मौजूद है. गिरफ्तार सात लोगों ने 49 अन्य लोगों के साथ मिलकर हथियार दिलाने का काम किया था. बाद में अन्य 52 लोगों के नाम सामने आए और इस तरह कुल 108 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. ATS को इंफाल से चार लाइसेंस जारी होने की जानकारी थी, लेकिन जांच में पता चला कि ऐसे कोई लाइसेंस इंफाल से जारी नहीं हुए थे. पुलिस ने सातों आरोपियों को गिरफ्तार करके उनके पास से 6 हथियार और 135 राउंड कारतूस बरामद किए हैं.