गुजरात के मोरबी में बुधवार को किसानों ने आक्रमक विरोध प्रदर्शन किया. यह विरोध प्रदर्शन कृषि कानूनों को लेकर नहीं, बल्कि जमीन संपादन को लेकर किया गया. दरअसल, मोरबी जिले के हलवद तहसील के 15 गांव के किसान हलवद सब डिविजनल मजिस्ट्रेट की ऑफिस पहुंचे और वहां पर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा.
इसके बाद किसानों ने अपने तेवर साफ करते हुए कहा कि जब तक हमारी मांगें स्वीकार नहीं की जाती हम पीछे हटने वाले नहीं है. यही नहीं, किसानों ने अपने शरीर से शर्ट निकालकर कचहरी के बाहर फेंक दी और कहा कि बीज कंपनी ने उनकी 5 बीघा जमीन संपादित करके सिर्फ 50000 रुपये दिए हैं. जबकि, इसकी बाजार में कीमत तकरीबन 50लाख रुपए होती है.
उन्होंने कहा कि दूसरे जिलों में जमीन संपादन के ज्यादा रुपए दिए गए हैं. हलवद के किसानों के साथ अन्याय किया गया है इसके लिए हम विरोध कर रहे हैं और जब तक मांगे पूरी नहीं होती हम यूं ही डटे रहेंगे.
वहीं इस पूरे विवाद को लेकर सब डिविजनल मजिस्ट्रेट हर्षदीप आचार्य ने बयान देते हुए कहा कि हमने किसानों को सुना है और किसानों की जो शिकायत है उसको ऊपरी लेवल तक पहुंचाया जाएगा.
गुरनाम चढ़ूनी बोले- पंजाब के कई किसान नेता झूठे
उधर, संयुक्त किसान मोर्चा में दरार पड़ने की खबरें सामने आ रहीं हैं. किसान आंदोलन जब से शुरू हुआ है, तब से ये पहली बार है जब संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) में मतभेद सामने आए हैं. हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी (Gurnam Singh Chaduni) ने पंजाब के किसान नेताओं को 'झूठा' और 'विश्वासघाती' बताया है.
इसके साथ ही चढ़ूनी ने अंबाला से दिल्ली तक निकाले जाने वाले मार्च को भी रद्द कर दिया है. गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा, संयुक्त किसान मोर्चा ने मुझे पिछले साल हरियाणा का लीडर चुना था, लेकिन अब पंजाब के नेता हमारे बारे में झूठी बातें फैला रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब के कुछ किसान नेता मेरे बढ़ते प्रभाव और लोकप्रियता से परेशान हैं.