राजकोट के गोंडल में सरकारी गोदाम में मूंगफली के 35 करोड़ का स्टॉक जलकर खाक होने के मामले में आज सीआईडी क्राइम ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. दरअसल मूंगफली के गोदाम में लगी आग इतनी भयानक थी कि आग दो दिन तक बुझ नहीं पाई थी.
इस गोदाम में रखी मूंगफली सरकार ने किसानों से MSP दाम पर खरीदी थी, जिसमें कांग्रेस ने बड़े भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए सवाल खड़े किए थे कि आग कैसे लगी थी और किसने लगाई थी. सरकार पर सवाल खड़े हुए तो आनन-फानन में इसकी जांच सीआईडी क्राइम को सौंपी गई थी.
सीआईडी क्राइम ने अपनी जांच के आधार पर आज 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. सीआईडी क्राइम के मुताबिक जिस वक्त मूंगफली का स्टॉक नीचे रखा गया था, ऊपर की साइड पर वेल्डिंग का काम हो रहा था, जिस वजह से वेल्डिंग करते वक्त चिंगारी मूंगफली में जाकर गिरी और आग फैल गई. देखते-देखते आग इतनी भयानक हो गई कि पूरा स्टॉक इसमें जलकर खाक हो गया.
गोंडले रामराज्य जिनींग गोदाम में रखे सरकारी सामान में लगी इस आग के वक्त उसके मालिक वहां मौजूद नहीं थे. जिस वक्त वो वहा पहुंचे आग की वजह लोगों को पता ना चले इसलिये वेल्डिंग का सारा सामान गायब कर दिया गया. हालांकि सीआईडी क्राइम की जांच में वेल्डिंग कर रहे मयूर डाभी, उमेश महेता, रणवीर विसानी, कमलेशगीरी और मिलन गोंडलिया को गिरफ्तार किया गया है.
दिलचस्प बात ये है कि अभी एफएसएल कि रिपोर्ट आनी बाकी है, लेकिन सीआईडी क्राइम ने इन छोटे मजदूर को गिरफ्तार कर लिया है. कांग्रेस नेता इस मामले में लीपापोती का आरोप लगा रहे हैं.