सूरत के निजी अस्पताल में एक नवजात ब्रेन डेड हो गया. इसके बाद नवजात के माता-पिता ने बच्चे के अंगों को दान करने का फैसला लिया. जीवनदीप ऑर्गन डोनेशन फाउंडेशन माध्यम से 5 दिन के नवजात के अंगों का दान कराया गया है. विश्व में जन्म लेने के कुछ ही घंटों में अंगदान करने वाले बच्चों में भारत का ये पहला और विश्व में दूसरा मामला है. बच्चे के अंगों को संबंधित अस्पतालों को भेज दिया गया है.
दरअसल, सूरत के वालक पाटिया इलाके के गीतांजलि रो हाउस में रहने वाले हर्ष भाई संघानी के घर में 13 अक्टूबर की दोपहर एक बच्चे ने जन्म लिया था. बच्चा नवजात के चाचा व्रज संघानी ने बताया कि जन्म के बाद से ही बच्चे के शरीर में हलचल नहीं थी. वो रोया भी नहीं था.
केयर चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के डॉक्टर ने बताया कि बच्चे को वेंटिलेटर पर रखना पड़ेगा. वेंटिलेटर पर रखने के बाद भी रिकवरी नहीं हो सकी. बच्चा ब्रेनडेड हो गया था. यह जानकर हमारा पूरा परिवार बेहद दुखी था. फिर डॉक्टर ने बताया कि ब्रेनडेड बच्चे के ऑर्गन डोनेट कर सकते हैं. इसके बाद बच्चे की दादी और परिवार के लोगों ने नवजात के ऑर्गन डोनेट करने का निर्णय लिया. अंगदान करने से हम किसी को नया जीवन दे सकते हैं.
पांच दिन के नवजात का इलाज करने वाले पीडियाट्रिक डॉ. अतुल सेलडिया की देखदेख में इलाज किया गया था. बच्चे को बचाने के लिए 72 घंटे तक जांच पड़ताल की गई, लेकिन सफल नहीं हुए. इसके बाद बच्चे को ब्रेनडेड घोषित किया गया था.
डॉक्टर ने परिजनों को ऑर्गन डोनेट करने के बारे में बताया था
डॉक्टर ने बच्चे के परिजनों को अंगदान के बारे में बताया था तो परिजन तैयार हो गए. पांच दिन के बच्चे के अंगदान से अन्य पांच से छह बच्चों को जीवनदान मिल सकता है. ब्रेन के फंक्शन को खून न मिलना, ऑक्सीजन न मिलना या इंफेक्शन होने से बच्चा कोमा में चला जाता है.
बच्चे के ऑर्गन डोनेशन के बारे में डॉक्टर ने जीवनदीप ऑर्गन डोनेशन फाउंडेशन के पीएम गोंडलिया और विपुल तलाविया को बताया. इसके बाद बच्चे के ऑर्गन डोनेट किए गए.
'भारत में इस तरह का पहला और विश्व में दूसरा मामला'
संस्था के विपुल तलाविया ने कहा कि पांच दिन के बच्चे का अंगदान हुआ, ये भारत में पहला है और विश्व में दूसरा मामला है. नवजात के परिवार में उसकी दादी पहले ब्रेनडेड को लेकर बताया था. इसके बाद उन्होंने अपने परिवार को ब्रेनडेड की जानकारी दी और समझाया था कि हमारे घर खुशी आने वाली थी, वो नहीं आई तो अब दूसरों को खुशी दे सकते हैं.
विपुल तलाविया ने बताया कि नवजात की दो किडनी, लीवर, आंखें और स्पीलन का अंगदान करवा कर चार अन्य बच्चों को जीवनदान दिया है. दान में मिलीं दोनों किडनी और स्पलीन IKRDC अहमदाबाद, लीवर दिल्ली के ILDS हॉस्पिटल और आंखें सूरत की लोक दृष्टि चक्षु बैंक को दी गईं.