वडोदरा के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण विश्वामित्री नदी का जलस्तर बढ़ गया है और उसके पास की आवासीय कॉलोनियों में पानी भर जाने से दो लाख से ज्यादा लोग प्रभावित प्रभावित हुए हैं.
वडोदरा नगर निगम (वीएमसी) की स्थायी समिति के अध्यक्ष हितेंद्र पटेल ने बताया, ‘नदी का जलस्तर बढ़ने से आवासीय इलाके विशेषकर शहर के पश्चिमी हिस्से के इलाके जलमग्न हो गए हैं और इसके कारण दो लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं.’ उन्होंने बताया कि शहर के बुरी तरह से प्रभावित इलाकों में पानीगेट, कारलीबाग, मांडवी, सयाजीगंज और मुंझमाहुदा इलाके शामिल हैं जहां आवासीय इलाकों में पानी घुस गया है.
प्रशासन ने मंगलवार को इन इलाकों से 1,500 लोगों को और बुधवार को 200 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया.
शहर में नदी के पास स्थित सर सयाजीराव गायकवाड़ अस्पताल और चिड़ियाघर में भी पानी घुस गया है जिसके कारण अधिकारियों को चिड़ियाघर के कुछ जानवरों को वहां से अन्यत्र ले जाना पड़ रहा है.
विश्वामित्री नदी पर बने सभी तीनों पुल बंद कर दिये गये हैं. प्रशासन ने सभी स्कूलों और कॉलेजों को भी बंद करने का निर्देश दिया है. विश्वमित्री नदी में जल का स्तर फिलहाल 33.5 फुट है जो कि खतरे के निशान 26 फुट से अधिक है. नदी के जलग्रहण क्षेत्रों और अजवा बांध पर मंगलवार को लगातार बारिश हुई इसके कारण नदी में पानी छोड़ा गया था.
नगर निगम आयुक्त मनीष भारद्वाज ने बताया, ‘वीएमसी ने मंगलवार की सुबह 5.30 बजे से शहर के बाहरी इलाके में स्थित अजवा बांध से पानी छोड़ना बंद कर दिया है. यह तब किया गया था जब विश्वामित्री नदी शहर के मध्य भाग में खतरे के निशान 26 फुट से 7.6 फुट ऊपर बह रही थी.’ भारद्वाज ने बताया, ‘अजवा बांध से पानी छोड़ना बंद किए जाने के बाद नदी का जलस्तर कम होने लगेगा.’ उन्होंने कहा कि बांध के 128 वर्ष के इतिहास में यह पहला मौका है जब पानी का स्तर 215 फुट को पार कर गया जबकि इसकी छमता 214 फुट है.