एक तरफ देश के पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों का बिगुल बजा हुआ है, तो दूसरी तरफ गुजरात के आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो चुकी हैं. गुजरात में हार्दिक पटेल के बाद पाटीदार समाज का चेहरा बने अल्पेश कथेरिया से मिलने कांग्रेस के 4 विधायक मिलने सूरत पहुंचे थे. कांग्रेस विधायकों की इस मुलाकात ने गुजरात की राजनीति में एक नई चर्चा शुरू हुई है.
कांग्रेस के चार विधायक ललित भाई वसोया, ललित भाई कथगरा, किरीट पटेल और प्रताप भाई दुधात गुजरात पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के वर्तमान मुखिया अल्पेश कथीरिया से मुलाकात करने पहुंचे थे. कई घंटों तक कांग्रेस के चारों विधायकों और पाटीदार नेता अल्पेश कथेरिया के बीच वार्तालाप हुआ. इस मुलाकात के बाद किरीट पटेल ने कहा कि वह अल्पेश कथेरिया को कांग्रेस में शामिल होने का न्यौता देने आए थे.
दरअसल, पार्टीदार नेता हार्दिक पटेल और अल्पेश कथेरिया के कई साथी कांग्रेस का दामन थामे हुए हैं, तो कई आम आदमी पार्टी के साथ हैं, ऐसे में अल्पेश कथेरिया को कांग्रेस की तरफ़ खींचने का प्रयास है.
कथेरिया का कहना है, मुझे कांग्रेस की तरफ से न्यौता दिया गया हैं, लेकिन हमारी बातचीत पाटीदार आंदोलन के दौरान हम पर दर्ज किए किए मामलों को लेकर हुई है. पाटीदारों पर 5 साल पहले केस दर्ज हुए थे. सरकार ने आश्वासन दिया था कि वह केस वापस लेगी, लेकिन बीजेपी की सरकार ये केस वापस नहीं ले रही है.
अल्पेश ने यह भी कहा कि पाटीदार समाज के दो मुद्दे आंदोलन के केस वापस लेने और शहीद हुए परिवार को सरकारी नौकरी देने की मांग लंबित है. इन सभी मुद्दों की मांग को लेकर अगर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई, तो आने वाले चुनाव में पाटीदार बीजेपी सरकार को दिखा देंगे कि वह क्या चाहते हैं? इसके लिए आंदोलन करना पड़े, तो वो भी हम करने के लिए तैयार हैं.
गुजरात के पाटीदार समाज को आरक्षण दिलवाने के लिए हार्दिक पटेल की अगुवाई में पाटीदार अमानत (आरक्षण) आंदोलन समिति बनी थी. राज्य भर में हिंसात्मक आंदोलन भी हुए. क़रीबन 11 से 12 पाटीदार युवाओं की हिंसा में मौत हुई थी. हज़ारों युवकों पर हिंसा के केस दर्ज हुए थे. उसके बाद पाटीदार समाज के नेता बनकर उभरे हार्दिक पटेल ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था. आंदोलन से कांग्रेस को फ़ायदा भी हुआ था.
अब गुजरात में इसी साल फिर से विधानसभा चुनाव होंगे. ऐसे में पाटीदार नेता अल्पेश कथेरिया से चार कांग्रेसी विधायकों की हुई मुलाक़ात गुजरात की आगामी राजनीति के हिसाब से काफ़ी अहम मानी जा रही है. इस बड़े पार्टीदार नेता के भविष्य में कांग्रेस से जुड़ने की चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं.