एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैशलेस भारत की ओर आगे बढ़ने की बातें कर रहे हैं, वहीं अहमदाबाद में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने कैशलेस ट्रांजेक्शन पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
अपने बैंक के क्रेडिट कार्ड और बिल के साथ हेमेन्द्र भगत इन दिनों काफी परेशान हैं. दरअसल हेमेन्द्र भगत के पास एक क्रेडिट कार्ड है, जो वो पेट्रोल और डिजल के लिए अक्सर इस्तेमाल किया करते हैं, लेकिन हाल ही में अचानक रात के वक्त उन्हें एक मैसेज आया कि EUR 450 आपके अकाउंट से खरीदा गया. उन्होंने तुरंत ही बैंक में फोन कर अपने कार्ड पर हुए ट्रांजेक्शन की जानकारी दी. भगत ने बैंक के जरिए कार्ड को ब्लॉक करा दिया.
उनकी समस्या तब बढ़ गई जब उन्हें बैंक की ओर से 32 हजार रुपये के EUR 450 के ट्रांजेक्शन का बिल मिला. बैंक को जब इस बारे में बताया गया, तो बैंक की ओर से मैसेज आया कि 45 दिन बाद इस मामले में आगे क्या करना है इसकी जानकारी दी जाएगी. हालांकी अब बैंक की जांच के बाद तय किया जाएगा कि उन्हें 32 हजार रुपये का भुगतान करना है या नहीं.
साफ है कि जिस तरह से कार्ड क्लोनिंग कर लोगों से पैसे की चोरी की जा रही है. ऐसे में सवाल यही खड़ा होता है कि क्या आने वाले वक्त में सरकार कैशलेस सिस्टम के लिए सुरक्षित बैंकिंग का भरोसा दे पाएगी.