गांधीनगर की जिला अदालत ने रेप के एक मामले में स्वयंभू बाबा आसाराम के खिलाफ आरोप निर्धारण बुधवार को स्थगित कर दिया. ऐसा अदालत में आसाराम की गैरमौजूदगी के कारण हुआ. अतिरिक्त जिला न्यायाधीश आरए घोघारी ने सुनवाई 10 जून तक के लिए स्थगित कर दी है.
जोधपुर जेल के अधीक्षक ने एक पत्र में अदालत को बताया कि आरोपी को भेजा नहीं जा सका क्योंकि एक स्थानीय अदालत रोजाना आधार पर रेप के एक दूसरे मामले की सुनवाई कर रही है. यह मामला आसाराम के खिलाफ एक नाबालिग लड़की ने दर्ज करवाया है.
विशेष सरकारी वकील आरसी कोडेकर ने बताया कि आरोप निर्धारण के लिए आसाराम की उपस्थिति अनिवार्य है. आसाराम के जोधपुर जेल में होने और उनकी पत्नी और सह आरोपी लक्ष्मीबेन के इलाज करवाने को लेकर अदालत आरोप निर्धारण नहीं कर सकी. गांधीनगर की अदालत का यह मामला सूरत की एक महिला की शिकायत से जुड़ा है. इस महिला ने आरोप लगाया था कि जब वह आसाराम के आश्रम में रहती थी तब उससे आसाराम ने कई बार रेप किया.
मामले में जनवरी में आरोपपत्र दायर किया गया था, जिसमें आसाराम के अलावा उनकी पत्नी लक्ष्मीबेन, उनकी बेटी भारती, चार महिला अनुयायियों- ध्रुवबेन, निर्मला, जस्सी और मीरा के भी नाम हैं. शिकायतकर्ता की बहन ने आसाराम के बेटे नारायण साईं के खिलाफ रेप का मामला दर्ज करवाया था.
-इनपुट IANS से