गुजरात के सूरत में स्वामीनारायण मंदिर मिशन स्कूल में भगवान स्वामीनारायण को आरएसएस का यूनिफॉर्म पहनाए जाने के बाद गुजरात कि राजनीति तेज हो गई है.
RSS कैंप के आखिरी दिन खास कार्यक्रम
दरअसल सूरत में 21 दिनों से चल रहे आरएसएस शिविर के आखिरी दिन भगवान स्वामीनारायण के बाल स्वरूप को आरएसएस का यूनिफॉर्म पहनाया गया. भगवान स्वामीनारायण को हाथों में तिरंगा, सिर पर काली टोपी, खाखी हॉफ पेंट, व्हाइट शर्ट और काले बूट पहनाए गए.
मंदिर का पुजारी RSS से प्रभावित
मंदिर के मुख्य पुजारी भानु शंकर तैरया का कहना है कि वो संघ के काम से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने 21 दिन के कैंप के बाद आखिरी दिन यानी सोमवार को भगवान स्वामीनारायण को आरएसएस का यूनिफॉर्म पहना दिया. हालांकि आरएसएस के गुजरात प्रवक्ता प्रदीप जैन ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि 'सूरत स्वामीनारायण मंदिर में आरएसएस के कार्यकर्ता को भगवान स्वरूप बताया गया'.
आरएसएस की सफाई
प्रदीप जैन ने कहा, 'हर साल गुजरात में संघ शिक्षा पर्व मनाया जाता है, जिसमें करीब 600 लोग जमा होते हैं और ये कार्यक्रम 21 दिनों तक चलता है. इस बार ये पर्व सूरत के स्वामीनारायण मंदिर परिसर में था. पूज्य संतों को लगा कि संघ की शिक्षा समाज के लिए है, इसलिए उन्होंने भगवान को आरएसएस का यूनिफॉर्म पहना दिया. आरएसएस ने संतों से ऐसा करने के लिए कभी नहीं कहा. इसी कड़ी में पिछले दिनों भगवान को मिलेट्री का ड्रेस पहनाया गया था'.
गौरतलब है कि भगवान को आरएसएस के कपड़े पहनाए जाने पर अब कांग्रेस भी धर्म कि राजनीति में उतर पड़ी है. गुजरात में विधानसभा में विपक्ष के नेता शंकरसिंह वाघेला का कहना है कि स्वामीनारायण को वो भगवान मानते हैं, ऐसे में उन्हें आरएसएस के रंग में रंगना हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान है.