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गोधरा कांड के 14 गवाहों की हटाई गई सुरक्षा, सिक्योरिटी में तैनात थे 150 CISF जवान

गुजरात के गोधरा कांड के 14 गवाहों की सुरक्षा हटा दी गई है. सूत्रों के मुताबिक यह फैसला गृह मंत्रालय की तरफ से SIT की रिकमेंडेशन रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है. गवाहों को 150 सीआईएसएफ जवानों की तरफ से सुरक्षा प्रदान की जा रही थी.

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गोधरा कांड के गवाहों की सुरक्षा हटाई गई (फाइल फोटो)
गोधरा कांड के गवाहों की सुरक्षा हटाई गई (फाइल फोटो)

गुजरात के गोधरा कांड (Godhra Case) के गवाहों की सुरक्षा हटा दी गई है. यह फैसला केंद्र सरकार की तरफ से लिया गया है. सूत्रों की माने तो कुल 14 गवाहों की सुरक्षा हटाई गई है. जिन्हें सीआईएसएफ के 150 जवानों द्वारा सुरक्षा प्रदान की जा रही थी. सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने SIT की रिकमेंडेशन रिपोर्ट के आधार पर 14 गवाहों की सुरक्षा को हटाने का फैसला लिया है. गोधरा कांड पर बनी SIT ने 10 नवंबर 2023 को इन गवाहों की सुरक्षा हटाने की अपनी रिपोर्ट दी थी.

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इन गवाहों की हटाई गई सुरक्षा

1-हबीब रसूल सय्यद
2-अमीनाबेन हबीब रसूल सय्यद
3-अकीलाबेन यासीनमिन
4-सैय्यद यूसुफ भाई
5-अब्दुलभाई मरियम अप्पा
6-याकूब भाई नूरान निशार
7-रजकभाई अख्तर हुसैन
8-नजीमभाई सत्तार भाई
9-माजिदभाई शेख यानुश महामद
10-हाजी मयुद्दीन
11-समसुद्दीन फरीदाबानू
12-समदुद्दीन मुस्तफा इस्माइल
13- मदीनाबीबी मुस्तफा
14-भाईलालभाई चंदूभाई राठवा.

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क्या है गोधरा कांड

27 फरवरी, 2002 को गुजरात के गोधरा में अयोध्या से लौट रहे कारसेवकों को ले जा रही साबरमती एक्सप्रेस की एक बोगी में आग लगा दी गई थी, जिसमें 58 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर दंगे भड़क उठे थे, जिसके बाद केंद्र सरकार को सेना भेजनी पड़ी थी.

आधिकारिक अनुमान के अनुसार यह भारत में सबसे भीषण सांप्रदायिक हिंसा में से एक थी. जिसमें 790 मुस्लिम और 254 हिंदुओं सहित 1044 लोग मारे गए थे. घटना के बाद बलात्कार, लूटपाट और संपत्ति के नुकसान, घरों और दुकानों को जलाने की भी खबरें आईं. इस कांड के बाद लगभग 2 लाख लोग विस्थापित हुए. उनमें से कई लोग अपने घरों में वापस नहीं जा सके और नए इलाकों में बस गए.

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