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2002 गोधरा केस: एसआईटी अदालत ने आरोपी याकूब पटालिया को उम्रकैद की सजा सुनाई

वर्ष 2002 के गोधरा मामले में अहमदाबाद स्थित विशेष एसआईटी कोर्ट ने याकूब पटालिया को आजीवन कारावास की सजा दी है. याकूब उस भीड़ में शामिल था, जिसने 27 फरवरी 2002 को गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस में आग लगाई थी.

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गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस में आग (file)
गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस में आग (file)

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वर्ष 2002 के गोधरा केस में अहमदाबाद की विशेष एसआईटी अदालत ने आरोपी याकूब पटालिया को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. याकूब उस भीड़ में शामिल था, जिसने 27 फरवरी 2002 को गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस में आग लगाई थी. इस हादसे में 59 लोग मारे गए थे. फिर पूरे गुजरात में दंगे हुए थे. पिछले साल जनवरी में गुजरात पुलिस ने घटना के 16 साल बाद याकूब को गिरफ्तार करने में सफलता पाई थी. पुलिस ने 64 वर्षीय याकूब को मामले की जांच कर रही एसआईटी को सौंप दिया था.

याकूब के खिलाफ सितंबर 2002 में एफआईआर दर्ज की गई थी. गिरफ्तारी के बाद उसपर हत्या की कोशिश सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में मुकदमा चलाया गया. एफआईआर दर्ज होने के बाद भी वह गिरफ्तारी से बचने के लिए भाग रहा था. इस मामले में याकूब के भाई कादिर पटालिया को 2015 में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि मामले की सुनवाई के दौरान कादिर की जेल में ही मौत हो गई थी.

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अक्टूबर, 2017 में गुजरात हाईकोर्ट ने गोधरा कांड में 11 दोषियों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदला था, जबकि अन्य 20 मुजरिमों की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा था. इससे पहले निचली अदालत ने 31 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए 63 को बरी कर दिया था.

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