आसाराम भले ही जेल में बंद हों, पर पिछले 20 वर्षों से उनके सूरत आश्रम में होने वाला होली महोत्सव इस बार भी आयोजित किया गया. आश्रम में संत महासम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें फिल्म अभिनेता गोविंदा भी पहुंचे और पूरी तरह गुरुभक्ति में नजर आए.
देशभर में लोकसभा चुनाव की गर्माहट बढ़ रही है, जबकि कांग्रेस के पूर्व सांसद गोविंदा इन दिनों गुरुभक्ति में लीन नजर आ रहे हैं. गोविंदा ने यह साफ कह दिया कि वे राजनीति छोड़ चुके हैं.
आश्रम का होली उत्सव एक और मामले में खास रहा. इस बार आसाराम अपने भक्तों का नहीं, बल्कि भक्तों ने ही आसाराम पर लगे दाग को धोने की कोशिश की.
संत सम्मलेन में जहां सभी संत आसाराम पर लगे बलात्कार के आरोप को षड्यंत्र बता रहे थे, वहीं इस मौके पर पहुंचे गोविंदा ने भी बिना नाम लिए आसाराम का समर्थन किया. गोविंदा ने कहा कि गुरु वर्ग का मान-सम्मान सम्पूर्ण जगत में होता रहेगा. इस अवसर पर गोविंदा ने संस्कृत में श्लोक पढ़कर शिवशंकर का जयकारा लगाया.
इससे पहले, आश्रम की ओर से प्रवक्ता नीलम दुबे ने आसाराम और नारायण साईं पर लगे दागों पर सफाई दी. नीलम की मानें, तो ऐसे संत सम्मलेन पहले भी हुए हैं और समय आने पर यह दाग धुल जाएगा. हालांकि नीलम के पास ऐसे सवालों के जवाब नहीं थे कि आखिर एक वक्त होली के उत्सव पर लाखों भक्त आते थे, लेकिन इस बार महोत्सव में महज गिनती के लोग ही क्यों आए हैं. ऐसे में क्या आसाराम के प्रति लोगों की आस्था में कमी आई है? क्या आज भीड़ जुटाने के लिए अब फ़िल्मी अभिनेताओं का सहारा लेना पड़ रहा है?
बहरहाल, आसाराम और नारायण के बिना सूरत आश्रम में होने वाला होली महोत्सव पूरी तरह से फीका नजर आया. आसाराम के चरित्र पर लगे दाग को धोने की यह कोशिश भी नाकाम ही नजर आई.