गुजरात का विकास मॉडल देश में चर्चा का केंद्र रहा है. इसी गुजरात के महत्वपूर्ण शहर अहमदाबाद में हालात कुछ और ही हैं. अहमदाबाद में गड्ढों में सड़कें हैं कि सड़कों में गड्ढे, यह पता ही नहीं चल पा रहा.
आम जनता तो आम जनता, अब सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेता भी खराब सड़क को लेकर अपना आक्रोश सोशल मीडिया के जरिए व्यक्त करने लगे हैं. गुजरात भाजपा के उपाध्यक्ष आईके जडेजा ने भी इसे लेकर ट्वीट किया है और खस्ताहाल सड़क को लेकर नाराजगी जताई.
जडेजा ने ट्वीट किया कि अहमदाबाद के बोपल ब्रिज से शांतिपुरा चौराहे तक रास्ता बेहद खराब हालत में है. औडा (Ahmedabad Urban Development Authority) के अधिकारी इस रोड पर चलेंगे? क्या ओवरब्रिज के काम कर रहे कॉन्ट्रैक्टरों की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती है?
અમદાવાદ ના બોપલ બ્રીઝ થી શાંતિપુરા ચોકડી સુધીનો રસ્તો અત્યંત બિસ્માર હાલતમાં છે, ઔડા ના અધિકારીઓ આ રોડ પર ચાલશે?
શું ઓવરબ્રીઝ નું કામ કરી રહેલા કોન્ટ્રાક્ટરો ની કોઈ જ જવાબદારી ઉપસ્થિત નથી થતી ?
— I.K.JADEJA (@IKJadejaBJP) September 12, 2019
सत्ताधारी भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष के ट्वीट के बाद आम लोगों ने भी खुलकर नाराजगी जाहिर की. अहमदाबाद के योगेश पटेल का कहना है कि मैं बिजनेसमैन हूं. प्रतिदिन इसी रास्ते से आवागमन करना होता है. उन्होंने कहा कि लगभग रोज ही कोई न कोई राहगीर गड्ढे में गिरकर घायल होता है.
वहीं प्रदीप पटेल ने कहा कि हम लाखों रुपये टैक्स देते हैं, लेकिन सुविधा के नाम पर हमें कुछ नहीं मिलता. उन्होंने कहा कि जो मिलता है वह ये गड्ढे वाली सड़क है.
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष के ट्वीट के बाद टूटी प्रशासन की नींद
गुजरात, खासकर अहमदाबाद में औडा से लेकर म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन तक, हर जगह भाजपा काबिज है. भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष ने जब ट्वीट कर नाराजगी जताई तब कुंभकरणी निद्रा में सो रही सरकार की नींद टूटी और औडा के अधिकारी हरकत में आए.
सीईओ अतुल गौर अन्य अधिकारियों के साथ मौका मुआयना करने पहुंच गए. उन्होंने आश्वस्त किया कि दो दिन में सड़क दुरुस्त कर दी जाएगी.
दो माह से शिकायत कर रहे थे आम नागरिक
बताया जाता है कि स्थानीय नागरिक पिछले दो माह से औडा का चक्कर लगाते रहे. अधिकारियों से सड़क की मरम्मत कराने की गुहार लगाते रहे, लेकिन अधिकारियों के कानों पर जूं नहीं रेंगी.
अब, जब भाजपा के प्रदेश स्तरीय नेता ने एक ट्वीट किया तो पूरी अथॉरिटी काम पर लग गई. अब आम जनता कहने लगी है कि अब अपने कार्यों के लिए दफ्तर का चक्कर काटने से बेहतर है कि भाजपा नेताओं से एक ट्वीट करा दो.