scorecardresearch
 

पेपर लीक करने वालों को 10 साल की सजा और 1 करोड़ का जुर्माना, गुजरात विधानसभा में परीक्षा बिल पास

कानून बनने के बाद गुजरात में पेपर लीक करने वाले को 3 साल से लेकर 10 साल तक की कैद और 1 लाख से लेकर 1 करोड़ तक के जुर्माने का प्रावधान रखा गया है. इस कानून के तहत आरोपी को जमानत भी नहीं मिल सकेगी. साथ ही पेपर खरीदने वाले छात्र को भी 2 से लेकर 10 साल की सजा का प्रावधान रखा गया है.

Advertisement
X
गुजरात में पेपर लीक करने वालों पर कसेगी नकेल (प्रतिकात्मक तस्वीर)
गुजरात में पेपर लीक करने वालों पर कसेगी नकेल (प्रतिकात्मक तस्वीर)

सरकारी भर्ती परीक्षा में पेपर लीक पर नकेल कसने के लिए गुजरात सरकार ने विधानसभा में सार्वजनिक परीक्षा विधेयक पेश किया है. इसमें पेपर लीक करने वाले से लेकर परीक्षा में पर्चा हासिल करने वाले तक के लिए सजा का प्रावधान रखा गया है. बढ़ती पेपर लीक की घटनाओं के बाद इन पर काबू पाने के लिए इस बिल को लाया गया है. जिसे कुछ बहस के बाद सर्वसम्मति से पास कर दिया गया. इसे अब कानून के तौर पर पेश किया जाएगा.

Advertisement

कानून बनने के बाद गुजरात में पेपर लीक करने वाले को 3 साल से लेकर 10 साल तक की कैद और 1 लाख से लेकर 1 करोड़ तक के जुर्माने का प्रावधान रखा गया है. इस कानून के तहत आरोपी को जमानत भी नहीं मिल सकेगी. साथ ही पेपर खरीदने वाले छात्र को भी 2 से लेकर 10 साल की सजा का प्रावधान रखा गया है. 

विधानसभा में जैसे ही बिल पेश किया गया तो कांग्रेस ने इसका विरोध किया. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सरकार सरकारी भर्ती परीक्षाओं के पेपर सरकारी प्रेस में क्यों नहीं छापती. जहां से पेपर कभी लीक होगा ही नहीं. कांग्रेस ने यह भी कहा कि सरकार ये जो कानून बना रही है, इसका सख्ती से पालन भी होना चाहिए, क्योंकि कानून तो शराबबंदी के लिए भी बने हैं और वह सिर्फ कागजों पर ही है.

Advertisement

AAP नेता चैतर वसावा ने कहा कि राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मुख्य षड्यंत्रकारी बच न जाएं. एक अन्य AAP MLA UMesh Makwana ने सुझाव दिया कि इस अधिनियम के तहत पंजीकृत सभी मामलों की जांच एक IPS अधिकारी द्वारा की जाती है और एक फास्ट-ट्रैक कोर्ट में कोशिश की जाती है. उन्होंने कांग्रेस की मांग से भी सहमति व्यक्त की कि सरकार द्वारा संचालित प्रेस में प्रश्न पत्रों को छपाई होनी चाहिए.

Advertisement
Advertisement