गुजरात विधानसभा ने चौथी बार विवादित आतंकवाद और संगठित अपराध विरोधी बिल मंगलवार को पास कर दिया. विपक्ष के भारी विरोध और वॉकआउट के बीच इस बिल को सदन की ओर से हरी झंडी दी गई.
आपको बता दें कि ये बिल महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) की लाइन पर ही है और इससे पहले दो बार 2004 और 2008 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल द्वारा ये खारिज किया जा चुका है.
अब देखना ये है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इस बिल पर क्या फैसला लेते हैं. विपक्ष के साथ ही इस बिल का विरोध मानवाधिकार संगठनों ने भी जमकर किया. विशेषज्ञों की माने तो ये बिल पोटा कानून से भी कड़ा कानून रखता है. चूंकि इसकी दुरुपयोग की आशंका बहुत ज्यादा है इसलिए इसका विरोध किया जा रहा है.
आज भी विधानसभा में कांग्रेस ने इसका कड़ा विरोध किया और इसके लिए होने वाले वोटिंग का भी बहिष्कार किया, लेकिन इस बिल को बाकि सदस्यों की मंजूरी मिल गई.