गुजरात में बजरंग दल और विहिप ने मुस्लिम युवकों को लेकर एक फरमान जारी किया है. हिंदू संगठन आयोजकों से कह रहे हैं कि नवरात्र पंडाल में मुसलमानों को प्रवेश न करने दें. साथ ही कई जगहों पर बजरंग दल और विहिप के कार्यकर्ता एंट्री प्वाइंट पर मौजूद हैं. वे हर आने वाले को तिलक लगा रहे हैं.
हिंदू संगठनों का कहना है कि मुस्लिम युवक नवरात्र पंडाल में प्रवेश करते हैं. लव जिहाद के लिए हिंदू लड़कियों को लुभाते हैं. उनका कहना है कि लव जिहाद की सबसे ज्यादा घटनाएं नवरात्र में ही होती हैं.
नवरात्र पंडाल में मुस्लिम युवतियां क्यों नहीं आतीं
बजरंग दल के नेता ज्वालित मेहता ने कहा कि नवरात्र पंडाल में सिर्फ जावेद ही क्यों जाते हैं. फातिमा और सकीना क्यों नहीं जाते. हम अपने नवरात्र पंडाल में किसी भी मुस्लिम युवकों को प्रवेश नहीं करने देंगे. वे केवल लव जिहाद के लिए जाते हैं. गरबा में कोई भी किसी भी समूह में शामिल हो जाता है, दोस्त बनाता है और हमारी हिंदू लड़कियों को लुभाता है. अगर उन्हें माताजी और नवरात्र से इतना प्रेम है तो वे अपने-अपने स्थान पर ऐसे आयोजन करें, हम भी उसमें भाग लेंगे.
उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकर्ता पूरे अहमदाबाद और गुजरात में घूम रहे हैं. किसी भी मुस्लिम युवक को नवरात्र पंडाल में प्रवेश करने से रोकने के लिए उन्हें नवरात्रि पंडाल के बाहर रखा जाता है. वे तिलक लगा रहे हैं और पहचान पत्र भी चेक कर रहे हैं. हमें आयोजकों का भी अच्छा समर्थन मिल रहा है.
नवरात्र के कार्यक्रमों में न जाएं मुस्लिम युवक: मौलवी
मुस्लिम मौलवी मुफ्ती सब्बीर आलम ने कहा कि नवरात्र हिंदुओं का त्योहार है, मुसलमानों को वहां नहीं जाना चाहिए. ऐसे त्योहार में जाना इस्लाम के खिलाफ है. जैसे हमारी ईद में हम मुसलमानों को प्राथमिकता देते हैं और हिंदू भाई दूर रहते हैं. यह हिंदुओं का त्योहार है और उन्हें मुसलमानों को अपने कार्यक्रमों में प्रवेश नहीं करने देने का पूरा अधिकार है. मुस्लिम युवकों को नहीं जाना चाहिए.
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मुस्लिम युवक को पीटा
28 सितंबर को अहमदाबाद के कर्णावती क्लब में गरबा कार्यक्रम में गैर हिंदू युवकों के होने पर बजरंग दल ने जमकर हंगामा किया था. उन्हें गरबा स्थल में चार गैर हिंदू युवक मिले. उन्हें पकड़ने की कोशिश की गई तो तीन युवक भाग निकले जबकि एक पकड़ा गया, जिसकी उन्होंने बुरी तरह पिटाई की. इसके बाद उसे वहां से भगा दिया.
अपने धर्म से ऊब चुके अल्पसंख्यक आ सकते हैं गरबा में
मध्यप्रदेश के संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर दो हफ्ते पहले बयान दिया था कि जो भी अल्पसंख्यक अपने धर्म से ऊब गए हैं, जिस मुस्लिम की मूर्ति पूजन में आस्था है, वे अपने परिवार के साथ गरबा महोत्सव में आ सकते हैं. दूसरे धर्म के लोग जो गरबा में आना चाहते हैं, उन्हें परिचय पत्र दिखाकर गरबा में प्रवेश दिया जाएगा.
इससे पहले उन्होंने ग्वालियर में कहा था कि इस बार गरबा के कार्यक्रमों में आधार कार्ड देखकर प्रवेश दिया जाएगा, क्योंकि गरबा कार्यक्रम लव जिहाद का बड़ा माध्यम बन चुके थे.