गुजरात के करोड़ों रुपयों के बिटकॉइन मामले में नया खुलासा हुआ है. सीआईडी क्राइम ने इस मामले की शिकायत करने वाले शैलेष भट्ट को ही एफआईआर में दूसरा आरोपी बताया है. ये मामला पुलिस के जरिए व्यापारी का अपहरण कर 12 करोड़ रुपए कए बिटकॉइन हथियाने का है. एफआईआर में पुलिस ने शैलेष भट्ट और उनके भांजे को आरोपी बताया है.
इस मामले में सीआईडी क्राइम ने शैलेष भट्ट के भांजे को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि शैलष खुद अभी भी गायब ही है.
दरअसल, सीआईडी क्राईम की जांच में ये सवाल आया था कि शैलेष भट्ट के पास बिटकॉइन आएं कहां से. जांच में पता लगा कि ये सभी बिटकॉइन बिट कनेक्ट नाम की कपंनी से ट्रांसफर हुए थे. बिट कनेक्ट नाम की कंपनी सतीश कुंभानी नाम के एक शख्स की थी, जिस ने लंदन से अपनी पढ़ाई पूरी की थी.
सतीश ने बिटकॉइन खरीदने के लिये सूरत में 2 साल पहले स्कीम रखी थी, जिस में चार अलग-अलग स्कीम थी, इसी में कई लोगों ने इन्वेस्ट किया था. इसी दौरान करीब 2 साल में बिटकॉइन के दाम 16 गुना बढ़ गए. हालांकि, जनवरी 2018 में उसकी कंपनी बंद हो गई, जिस वजह से सूरत के कई व्यापारी जो कि उस में इन्वेस्ट कर रहे थे उन्हें भी नुकसान हुआ.
शैलेष भट्ट के भी करोड़ों रुपए इस कंपनी में डूब चुके थे. ऐसे में शैलेष भट्ट ने खुद के पैसे निकाल ने के लिए कुछ गुंडो की मदद से खुद को आयकर विभाग का अधिकारी बताते हुए सतीश पीयूष सावलिया का अपहरण किया.
जिसके बाद धवल मावानी का भी अपहरण किया गया, धवल का अपहरण इसलिए किया गया क्योंकि धवल टेक्निकल चीजों का जानकार था. धवल की मदद से ही अकाउंट में रखे गए 2256 बिटकॉइन अकाउंट में ट्रांसफर कराए गए, जिनकी कीमत करीब 131 करोड़ रुपए थी.
शैलेष भट्ट और उसके साथी ने जो बिटकॉइन इन लोगों से जबरन ट्रांसफर करवाए उसमें किरीट पालडिया भी मौजूद था. किरीट वही शख्स है जिस ने सीबीआई गुजरात और अमरेली पुलिस को शैलेष भट्ट के पास बिटकॉइन होने की जानकारी देकर उसका अपहरण करवाया था.
सीआईडी क्राईम के मुताबिक जो बिटकॉइन इन लोगों ने धवल के पास से ट्रांसफर किए थे, उनको आगे मुंबई ट्रांसफर कर दिया गया था. इसमें से जिग्नेश के हिस्से में 500, दिलीप और राजू देसाई के हिस्से में 350 बिटकॉइन आए. सीआईडी ने इस मामले में निकुज भट्ट और दिलीप देसाई को गिरफ्तार किया है. जिसमें अब तक 150 से ज्यादा बिटकॉइन को रिकवर किया गया है.