गुजरात में विधानसभा चुनाव अब दूर नहीं हैं और बीजेपी ने यहां भी गौरक्षा कार्ड खेलने की तैयारी कर ली है. विजय रुपानी सरकार गायों की सुरक्षा से जुड़े कानून को और सख्त करने की तैयारी में है.
अगले हफ्ते पेश होगा विधेयक
गुजरात पशु संरक्षण (संशोधन) विधेयक को अगले हफ्ते विधानसभा में पेश किया जाएगा. राज्य में पशु संरक्षण अधिनियम- 1957 के तहत गायों और बछड़ों की हत्या अपराध है. अगर नया विधेयक कानून में तब्दील होता है तो अधिनियम में सजा के प्रावधान और भी कठोर हो जाएंगे. सरकार की दलील है कि दुधारू पशुओं को बचाने के लिए ये कदम उठाया जा रहा है.
नए संशोधनों में क्या होगा?
माना जा रहा है कि नए संशोधनों में अवैध रूप से गायों की हत्या करने वालों की सजा बढ़ाकर 7-10 साल कर दी गई है. फिलहाल ये सजा 3 से 7 साल है. इसके अलावा कानून के तहत जुर्माने को 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने का भी प्रस्ताव है.
नए विधेयक में पुलिस को अधिकार दिया गया है कि वो अवैध रूप से मवेशी ढोने वाले वाहनों को जब्त कर सके. इससे पहले ऐसे वाहनों को एफआईआर दर्ज होने के 6 महीने बाद छोड़ना होता था. नए संशोधनों में गौहत्या को गैर-जमानती अपराध बनाया गया है.
पिछले साल हुआ था बवाल
आपको याद होगा पिछले साल गुजरात के उना में मृत गाय की चमड़ी निकाल रहे दलितों को तथाकथित गौरक्षकों ने बेरहमी से पीटा था. घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पूरे देश के दलितों ने विरोध प्रदर्शन किये थे.