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गुजरात सरकार ने पेश किया 3 लाख 70 हजार करोड़ का बजट, किसानों के लिए कई अहम घोषणाएं

गुजरात को देश का विकास इंजन बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि गुजरात, जिसका भूमि क्षेत्रफल केवल 6% तथा जनसंख्या 5% है, देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद में 8.3% का योगदान देता है. अपने निरंतर प्रयासों के माध्यम से, हम 2030 तक इस योगदान को 10% से अधिक तक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

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गुजरात के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई
गुजरात के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई

गुजरात के वित्तमंत्री कनुभाई देसाई ने सोमवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 205-26 का बजट पेश किया.  कुल 3 लाख 70 हजार 250 करोड के बजट में किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए कई प्रमुख घोषणाएं की गई हैं. किसानों के लिए दिन में बिजली सुनिश्चित करने के लिए ₹2175 करोड़ आवंटित किए गए हैं.

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इसके अलावा प्राकृतिक कृषि अभियान को बढ़ावा वाली विभिन्न पहलों के लिए ₹400+ करोड़ आवंटित किए गए हैं और ट्रैक्टर खरीद के लिए किसानों की सहायता बढ़ाकर ₹1 लाख की गई है. कृषि उपकरणों, मिनी ट्रैक्टरों, उर्वरकों और उपकरणों के लिए ₹1612 करोड़ आवंटित किए गए हैं.

अपने संबोधन में वित्त मंत्री कनुभाई देसाई ने कहा, 'विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के प्रणेता, आत्मनिर्भर भारत के स्वप्नदृष्टा, गुजरात के सपूत और विश्व में सर्वाधिक लोकप्रिय नेता, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को तीसरी बार भारत की बागडोर संभालने पर मैं माननीय मुख्यमंत्री जी एवं समस्त गुजरातवासियों की ओर से हार्दिक बधाई देता हूं. सुशासन सूचकांक में देश में गुजरात को "प्रथम स्थान" मिलना - राजकोषीय अनुशासन और अवसंरचना विकास के प्रति हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. नीति आयोग के वर्ष 2025 के राजकोषीय अनुशासन सूचकांक में राज्य को "अचीवर्स" का दर्जा दिया गया है.'

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वित्त मंत्री ने गिनाई सरकार की उपलब्धियां

गुजरात को देश का विकास इंजन बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि गुजरात, जिसका भूमि क्षेत्रफल केवल 6% तथा जनसंख्या 5% है, देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद में 8.3% का योगदान देता है. अपने निरंतर प्रयासों के माध्यम से, हम 2030 तक इस योगदान को 10% से अधिक तक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि  गुजरात देश के औद्योगिक उत्पादन में 18% का योगदान देता है. देश के कुल निर्यात का लगभग 41% गुजरात के बंदरगाहों के माध्यम से होता है. 

वित्त मंत्री ने कहा कि पोषण संबंधी योजनाओं का प्रभावी नियोजन एवं क्रियान्वयन हमारी सरकार का मुख्य उद्देश्य होगा. पोषण एवं स्वास्थ्य के लिए विभिन्न विभागों द्वारा विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं. वित्त मंत्री ने कहा, 'पोषण को प्राथमिकता देते हुए, मैं इन योजनाओं के लिए लगभग 8200 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित करता हूँ, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 21% अधिक है.'

कई अहम घोषणाएं

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने बच्चों के पोषण एवं विकास को सुदृढ़ करने के लिए आंगनवाड़ियों की भौतिक सुविधाएं बढ़ाने का निर्णय लिया है. इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए मैं आंगनवाड़ी योजना के लिए 274 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. उन्होंने कहा, 'इस वर्ष हम आदिवासी समुदाय के पितामह भगवान बिरसा मुंडाजी की 150वीं जयंती को आदिवासी गौरव वर्ष के रूप में मना रहे हैं. इस विशेष संदर्भ में, मैं आदिवासियों के समग्र विकास के लिए न्यू गुजरात पैटर्न योजना के लिए 37.5% की वृद्धि के साथ ₹1100 करोड़ के आवंटन का प्रस्ताव करता हूं. इससे जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा, रोजगार और बुनियादी ढांचे के विकास को और बढ़ावा मिलेगा.

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वित्त मंत्री ने कहा कि दिव्यांगजनों के प्रति माननीय प्रधानमंत्री जी की भावनाओं को साकार करने के लिए मैं घोषणा करता हूं कि "संत सूरदास योजना" के अंतर्गत अब से 80% के स्थान पर 60% या उससे अधिक विकलांगता वाले 85 हजार से अधिक दिव्यांगजनों को भी ₹12,000 की वार्षिक सहायता प्रदान की जाएगी.

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