महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव में ही नहीं बल्कि गुजरात में भी बीजेपी को नुकसान होता नजर आ रहा है. गुजरात की 6 विधान सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है. बायड और थराद विधानसभा सीटों पर बीजेपी को हार मिली है और कांग्रेस ने जीत हासिल की है.
गुजरात कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी जॉइन करने वाले अल्पेश ठाकोर मंत्री बनने के सपने देख रहे थे, लेकिन गुजरात की जनता ने उनके सपनों को चूरचूर कर दिया. अल्पेश ठाकोर को 2017 के चुनाव में राधनपुर विधानसभा सीट से 14 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल हुई थी. आज उसी सीट से अल्पेश ठाकोर को 3,714 वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा.
बता दें कि इस उपचुनाव को मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि छह में से चार सीटें सत्ताधारी बीजेपी के पास थीं. राधनपुर से विधायक अल्पेश ठाकोर और बयाड में विधायक धवल सिंह जाला ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था. अभी तक बीजेपी ने 6 में से सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल की है और कांग्रेस ने तीन सीटें जीत ली हैं.
गौरतलब है कि वोटिंग से पहले तक अल्पेश ठाकोर चुनाव प्रचार के दौरान दावा कर रहे थे कि वे उन्हें गुजरात सरकार में मंत्री का पद मिलेगा. अगर अल्पेश ठाकोर चुनाव हारते हैं तो उनके इस मंसूबे पर पानी फिर सकता है, क्योंकि वे चुनाव प्रचार के दौरान खुद को मंत्री पद का प्रबल दावेदार बताते नजर आए थे.
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उन्होंने चुनाव के दौरान कई बार बीजेपी की पार्टी लाइन से अलग हटकर बयान भी दिया था. अल्पेश ठाकोर ने एक चुनावी सभा में कहा था कि जब वे कांग्रेस में थे तो जिसे चाहते थे, उसे टिकट दिला सकते थे. अल्पेश कांग्रेस के लिए बोल रहे थे लेकिन बीजेपी के नेताओं पर इसका असर देखने को मिल रहा था.
बीजेपी की रणनीति रही है कि सीट बंटवारे पर फैसला नेता नहीं, पार्टी करती है. अल्पेश ठाकोर को ऐसे वक्त में कांग्रेस में अपनी ताकत याद आई, जब बीजेपी ने कांग्रेस से आए अल्पेश ठाकोर को राधनपुर इलाके से विधानसभा उपचुनाव का टिकट दिया.