विधानसभा चुनाव में कांग्रेस भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गढ़ गुजरात में बीजेपी को शिकस्त न दे पाई हो लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी ने खास रणनीति तैयार की है. कांग्रेस अब गांधीवादी फॉर्मूले के जरिए पीएम मोदी के गृहराज्य को फतह करने की योजना पर काम कर रही है.
लोकसभा चुनाव में मतदाताओं के लुभाने के लिए कांग्रेस ने उपवास, सत्याग्रह और डोर टू डोर कैंपेन करने की रणनीति बनाई है. इसके लिए कांग्रेस की ओर से आक्रामक अभियान चलाया जाएगा. गुजरात विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष परेश धनानी के उपवास को इसी रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पार्टी गुजरात मॉडल का भंडाफोड़ करने की तैयारी में है. कांग्रेस नेता इसे जुमला मानते हैं और उनका मानना है कि 'गांधीगीरी' के जरिए गुजरात में 'मोदीगीरी' को शिकस्त दी जा सकती है.
गुजरात कांग्रेस के प्रभारी राजीव सातव ने 'आजतक' से बातचीत में कहा कि बीजेपी के 22 साल के कार्यकाल में राज्य को कुछ भी फायदा नहीं हुआ, इससे किसानों और युवाओं में आक्रोश है. उन्होंने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में हम बीजेपी के फर्जी गुजरात मॉडल को देश के सामने बेनकाब करेंगे. इसके अलावा कांग्रेस घर-घर जाकर न सिर्फ लोगों से मुलाकात करेगी बल्कि क्राउड फंडिंग के जरिए पार्टी के लिए जनता से चंदा भी जुटाएगी.
विधानसभा चुनाव में कड़े मुकाबले में हार चुकी कांग्रेस को अब बूथ स्तर पर कुशल कार्यकर्ताओं का महत्व भी समझ में आ रहा है. यही वजह है कि अब पार्टी राज्य भर में ब्लॉक, जिला स्तर पर बूथ मैनेजमेंट के लिए ट्रेनिंग कैंप चला रही है. हालांकि पार्टी का मानना है कि किसान सबसे अहम मुद्दा है और इसके बाद राज्य के युवा उसकी प्राथमिकता होंगे.
गुजरात कांग्रेस की ओर से पहले ही 'रोजगार मारो अधिकार' के नाम से एक कैंपेन शुरू की गई है जिसके तहत राज्य के बेरोजगार युवाओं का रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है. कांग्रेस के मुताबिक राज्य में करीब 40 लाख युवा बेरोजगार हैं और पार्टी किसी भी सूरत में उनतक पहुंचना चाहती है. सातव का कहना है कि विधानसभा चुनाव तो ट्रेलर था, पिक्चर अभी बाकी है. लोकसभा चुनाव में नतीजे अलग होंगे.