गुजरात राज्यसभा चुनाव में अहमद पटेल की जीत से गदगद कांग्रेस की नजर अब विधानसभा चुनाव पर है. इस संबंध में गुजरात कांग्रेस के विधायकों ने दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की. ये सभी विधायक अहमद पटेल का जन्मदिन भी मनाएंगे.
सोनिया से मिलने पहुंचे विधायक
सभी विधायक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने उनके आवास पहुंचे. यहीं राहुल गांधी और अहमद पटले भी मौजूद थे. राहुल गांधी ने खुद ट्वीट कर इस मुलाकात की जानकारी दी.
Had a good meeting with Congress MLAs and leaders from Gujarat today pic.twitter.com/XI6E0kOy5U
— Office of RG (@OfficeOfRG) August 21, 2017
इससे पहले गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने बताया कि 4-5 सितंबर से गुजरात में कांग्रेस का प्रचार अभियान शुरू हो जाएगा. उन्होंने बताया कि गुजरात में सीएम उम्मीदवार घोषित नहीं किया जाएगा. साथ ही सोलंकी ने ये भी कहा कि ये चुनाव गुजरात के स्थानीय नेता और बीजेपी के बीच होगा.
बताया जा रहा है कि बैठक में विधायकों और पार्टी आलाकमान के बीच विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा की जाएगी. साथ ही सभी विधायक पार्टी आलाकमान से राज्यसभा चुनाव के तजुर्बे भी साझा करेंगे. इसके लिए सभी 43 विधायक दिल्ली पहुंचे हैं.
कांग्रेस हाईकमान और गुजरात विधायकों की बैठक बेहद अहम मानी जा रही है. गुजरात में विधानसभा चुनाव बेहद करीब है. एक तरफ जहां बीजेपी नेता घर-घर जाकर चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस संगठन की अंदरूनी लड़ाइयों से जूझ रही है. पार्टी के पास 57 विधायकों में से महज 43 बचे हैं. शंकर सिंह वाघेला जैसे वरिष्ठ नेता कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी के पाले में चले गए हैं.
ऐसे में राज्यसभा चुनाव के बेहद दिलचस्प मुकाबले में अमित शाह की रणनीति को परास्त करने वाले अहमद पटेल के जन्मदिन के बहाने कांग्रेस गुजरात चुनाव का बिगुल फूंकने की कोशिश रही है.
गुजरात चुनाव 2017: क्या 22 साल का 'सियासी वनवास' खत्म कर पाएगी कांग्रेस?
बता दें कि कांग्रेस गुजरात की सत्ता से पिछले 22 सालों से बाहर है. 1995 में बीजेपी ने पहली बार गुजरात में सरकार बनाई थी. इसके बाद राजनीतिक घटनाक्रम में उतार-चढ़ाव के बीच 1966-1998 के बीच RJP की सरकार रही. कांग्रेस इस सरकार का हिस्सा थी. हालांकि, 1995 के बाद कांग्रेस कभी अपने दम पर सत्ता नहीं पा सकी. मगर, इस बार हालात थोड़े जुदा हैं. नरेंद्र मोदी और अमित शाह केंद्र की राजनीति में हैं. साथ ही बीजेपी के समर्थक रहे पाटीदार आरक्षण के नाम पर विरोध का बिगुल फूंक चुके हैं. ऐसे में कांग्रेस आगामी चुनाव में अपनी जमीन बचाने की हर मुमकिन कोशिश करना चाहेगी.