गुजरात में अहमद पटेल की राज्यसभा चुनाव जीत के बाद कांग्रेस अब गुजरात विधानसभा चुनाव पर फोकस कर रही है. रणनीति के तहत पार्टी ने राजीव गांधी के जन्मदिन पर इन विधायकों को दिल्ली बुलाया. इस दौरान खास ख्याल रखा गया कि सभी विधायकों और नेताओं को एकजुट दिखाया जाए. इसके लिए विधायकों को दो बसों में एयरपोर्ट से गुजरात भवन लाया गया. ये भी तय हुआ कि सभी आधिकारिक जगहों पर सभी विधायक इन्हीं बसों में साथ जाएंगे. बस में बैठे नेताओं ने 'आज तक' से कहा कि वे दिल्ली में जहां भी जाएंगे और इसी तरह एकसाथ जाएंगे.
पटेल के जन्मदिन पर सोनिया-राहुल से मिले विधायक
इसके बाद 21 अगस्त को अहमद पटेल के जन्मदिन पर सभी विधायक अहमद पटेल, प्रभारी अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी और शक्ति सिंह गोहिल के नेतृत्व में सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिले. सोनिया और राहुल ने सभी विधायकों को राज्यसभा चुनाव की एकजुटता को बनाये रखते हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी को जीत दिलाने को कहा.
नवसृजन गुजरात और सच्चे दिन के नारे
इस पर विधायकों और नेताओं ने सोनिया व राहुल को अपना नारा बताया कि वे 'नवसृजन गुजरात' और 'अच्छे नहीं, सच्चे दिन' का नारा लेकर जनता के बीच जाएंगे. दरअसल, गुजरात कांग्रेस का मानना है कि 18 से 35 साल के नौजवानों ने कांग्रेस का राज राज्य में देखा नहीं है. इसलिए नवसृजन गुजरात यानी नए गुजरात के उदय का नारा बनाया है. साथ ही अहमद पटेल के राज्यसभा चुनाव की जीत को सच्चाई की जीत बताकर गुजरात में 'अच्छे नहीं, सच्चे दिन' का नारा इस्तेमाल किया जाएगा.
1 सितंबर को बलसाड़ में राहुल की रैली
इसके बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सभी विधयकों से कहा, 'मैं खुद गुजरात में 1 सितंबर से आप लोगों के सहयोग के लिए और कांग्रेस के चुनावी अभियान को मजबूती देने के लिए बलसाड़ के नालापोंडा में रैली करने आऊंगा. राहुल के बयान ने एक बार फिर ये साफ कर दिया कि गुजरात में वो भी सियासी लड़ाई गुजरात कांग्रेस बनाम मुख्यमंत्री विजय रूपानी की रहे और राहुल बनाम मोदी ना होने पाए.
BJP ने विधायकों को दिया था 25 करोड़ का ऑफर
इस पर सोनिया और राहुल से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा, 'हमारे गरीब विधायकों को राज्यसभा चुनाव की आखिरी रात 25 करोड़ रुपये और बीजेपी का टिकट तक ऑफर दिया गया. हमारे विधायकों ने ये सब राहुल और सोनिया जी को बताया.' वहीं गुजरात की लड़ाई का ज़िक्र करते हुए गोहिल ने कहा कि गुजरात कांग्रेस ही गुजरात में गुजरात बीजेपी को हराएगी.
जोश में है गुजरात कांग्रेस
अहमद पटेल के जन्मदिन पर रात्रिभोज के बाद 22 अगस्त को सभी विधायक तिरुपति मंदिर दर्शन के लिए रवाना होंगे. कुल मिलाकर अरसे से गुजरात में सत्ता से बाहर कांग्रेस को एक राज्यसभा की जीत से जोश तो मिला है, लेकिन उसको याद रखना होगा कि राज्यसभा की जीत काफी हद तक मैनेजमेंट की जीत है, जिसमें वोट उसकी ही पार्टी के विधायकों को देना था. जबकि, विधानसभा चुनाव में तो वोट जनता को करना है.