गुजरात में कोरोना वायरस ने भयंकर कहर बरपाया था और कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. लेकिन फिर भी मौत के असल आंकड़े को लेकर विवाद रहा. मामला कोर्ट तक गया, सरकार को फटकार भी पड़ी, लेकिन विवाद ठंडा नहीं पड़ा. अब सरकार ने अपने ही एक दावे की वजह से खुद को मुसीबत में फंसा लिया है.
गुजरात में कोरोना मौतों को लेकर विवाद
राज्य सरकार ने कहा है कि उनकी तरफ से 22 हजार लोगों के परिवार वालों को कोरोना से मौत का मुआवजा दिया गया है. अब ये आंकड़ा उस आंकड़े से काफी अलग है जहां कहा गया कि कोरोना की वजह से गुजरात में 10099 लोगों ने अपनी जान गंवाई. अब इसी भारी अंतर ने सरकार की मुश्किलों को बढ़ा दिया है. हैरानी की बात तो ये भी है कि 38 हजार लोगों ने कोरोना सहायता फॉर्म भी भर रखा है. ऐसे में कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा काफी ज्यादा हो सकता है.
सरकार ने खुद ही उठाए अपने दावों पर सवाल
गुजरात कांग्रेस तो लगातार राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगा रही है. दावे कर रही है कि राज्य में कोरोना की वजह से तीन लाख लोगों ने अपनी जान गंवाई है. मांग कर दी गई है कि सभी के परिवार को पूरा मुआवजा मिलना चाहिए. अब जो विवाद अभी खड़ा हुआ है, ये कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी खड़ा हो गया था. तब भी अस्पताल में हो रहीं मौतें और सरकारी आंकड़ों में भारी अंतर देखने को मिल रहा था. तब भी बवाल हुआ था और सरकार स्पष्ट जवाब नहीं दे पाई थी. अब एक बार फिर बवाल है और आंकड़ों को लेकर ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.
अब इस बवाल के बीच कुछ लोग शिकायत कर रहे हैं कि उनके परिजन की मौत कोविड की वजह से ही हुई है, लेकिन डेथ सर्टिफिकेट पर मौत का कोई स्पष्ट कारण नहीं लिखा गया है. उस वजह से मुआवजा मिलना चुनौती बन गया है.