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गुजरात: ईद-ए-मिलाद के जुलूस में 400 लोगों को इजाजत, जारी हुई गाइडलाइन

गुजरात सरकार ने ईद-ए-मिलाद के जुलूस में 400 लोगों को जमा होने की इजाजत दी है. लेकिन यह जुलूस सीमित इलाके या मोहल्ले तक होना चाहिए.

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Eid-e-Milad
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • ईद-ए-मिलाद के जुलूस में शामिल हो सकेंगे 400 लोग
  • पहले दी गई थी 15 लोग और एक वाहन की इजाजत

कोरोना को लेकर विशाल आयोजनों पर प्रतिबंधों के बीच गुजरात सरकार ने ईद-ए-मिलाद के जुलूस में 400 लोगों को जमा होने की इजाजत दी है. लेकिन यह जुलूस किसी इलाके, कॉलोनी या गली के भीतर ही रहना चाहिए और उस क्षेत्र से बाहर नहीं जाना चाहिए.

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यह घोषणा तब हुई है जब एक दिन पहले ही कांग्रेस के तीन विधायकों- गयासुद्दीन शेख, इमरान खेड़ावाला और मोहम्मद जाविद पीरजादा ने राज्य की भाजपा सरकार से जुलूस में भाग लेने की सीमा 15 लोगों से 400 लोगों तक बढ़ाने का आग्रह किया था.

रविवार को, गुजरात सरकार ने राज्य में ईद-ए-मिलाद समारोह को लेकर कहा कि COVID-19 महामारी की स्थिति को देखते हुए कुछ प्रतिबंधों के साथ मंगलवार को जुलूस निकाला जा सकता है. राज्य के गृह विभाग द्वारा रविवार को जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया था कि ईद-ए-मिलाद के जुलूस में 15 लोग और एक वाहन से ज्यादा कोई शामिल नहीं हो सकता है.  

इस अधिसूचना के बाद, शेख और दो अन्य मुस्लिम विधायकों ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने मानदंड पर नाराजगी व्यक्त की और उनसे COVID​​​​-19  गाइडलाइन के अनुसार एक जुलूस में 400 प्रतिभागियों को अनुमति देने का आग्रह किया.

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इसके बाद सोमवार को जारी एक 'स्पष्टीकरण' में, राज्य सरकार ने कहा, "400 लोग एक जुलूस में हिस्सा ले सकते हैं. लेकिन यह किसी इलाके, मुहल्ले या गली के भीतर चलना चाहिए और उस सीमित क्षेत्र से बाहर नहीं जाना चाहिए."

नई विज्ञप्ति में कहा गया है कि यदि जुलूस क्षेत्र से बाहर जाता है, तो रविवार को जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार इसमें केवल 15 लोगों को ही अनुमति दी जाएगी

गुजरात सरकार ने रविवार को यह भी कहा कि राज्य के आठ शहरों में रात के कर्फ्यू के मद्देनजर केवल दिन के समय ही जुलूस निकाला जा सकता है. इसमें कहा गया कि त्यौहार के जुलूस और उत्सव में मास्क, सैनिटाइज़र और सोशल डिस्टेंसिंग समेत सभी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा.

 

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