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सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली, क्या अब चुनाव लड़ेंगे हार्दिक पटेल? दिया यह जवाब

Gujarat Latest News: गुजरात विधानसभा चुनाव इस साल नवंबर या दिसंबर में होने की संभावना है. ऐसा इसलिए है क्योंकि राज्य में वर्तमान सरकार का कार्यकाल 18 फरवरी, 2023 को समाप्त हो जाएगा. हार्दिक पटेल भी इस चुनाव में खड़े हो सकते हैं.

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हार्दिक पटेल (File Pic)
हार्दिक पटेल (File Pic)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गुजरात में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं
  • चुनाव से पहले हार्दिक पटेल को एक मामले में राहत मिली है

गुजरात में कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel) को आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान हुए दंगों और आगजनी में अपीलों पर फैसला आने तक कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल की सजा पर रोक लगाते हुए कहा कि संबंधित हाई कोर्ट को सजा पर रोक लगानी चाहिए थी. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद हार्दिक पटेल अब गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ सकेंगे.

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इस फैसले के बाद आज तक ने जब हार्दिक पटेल से पूछा कि क्या वह सजा पर स्टे के बाद चुनाव लड़ेंगे. इस सवाल पर जवाब देते हुए हार्दिक पटेल ने कहा, 'हां क्यों नहीं.'

जानकारी के लिए बता दें कि पाटीदार आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के मामले में हार्दिक पटेल गुजरात हाई कोर्ट ने दोषी माना था और भारतीय कानून के मुताबिक कोई भी दोषी व्यक्ति तब तक चुनाव नहीं लड़ सकता, जब तक उसके दोषी साबित होने पर रोक ना लग जाए. इसके बाद हार्दिक ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और 2019 के लोकसभा चुनावों का हवाला देकर जल्द से जल्द सुनवाई करने की अपील की थी. चुनाव से पहले कोर्ट ने हार्दिक पटेल को बड़ी राहत दी है.

अभी रास्ते में और रूकावटें भी हैं...

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हार्दिक पटेल बेशक चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर रहे हों, लेकिन उनके रास्ते में अभी और रूकावटें हैं. सुप्रीम कोर्ट ने हार्दिक के खिलाफ सिर्फ विसनगर मामले में सटे लगा दिया है, लेकिन गुजरात में अलग-अलग शहरों में बिना अनुमति सभा करना और माहौल खराब करने के 8 केस हार्दिक पटेल के खिलाफ दर्ज हैं. ऐसे में अगर विधानसभा चुनाव से पहले कोर्ट एक भी मामले में हार्दिक को सजा सुनाता है तो इससे उनका चुनाव लड़ने का सपना-सपना ही रह जाएगा.

सरकार पहले ही 10 मामले ले चुकी है वापस

इससे पहले गुजरात सरकार ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन के संबंध में दर्ज 10 मामले वापस ले लिए हैं. सरकारी वकील सुधीर ब्रह्मभट्ट ने कहा उस वक्त कहा था कि कि राज्य सरकार द्वारा कलेक्टरों को दिए गए निर्देशों के अनुसार मामलों को वापस लेने के लिए विभिन्न अदालतों में आवेदन जमा किए गए थे. अहमदाबाद में एक सत्र अदालत ने सात मामलों को वापस लेने की अनुमति दी थी.

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