गुजरात की भूपेंद्र भाई पटेल की सरकार जल्द ही पूरे राज्य में 112 इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर को लागू करने जा रही है. टोल-फ्री नंबर 112 पर कॉल करके प्रदेशभर में कोई भी नागरिक इमरजेंसी सेवाओं का लाभ उठा पाएगा. 7 जिलों में इसका पायलट प्रोजेक्ट किया गया था, जिसे अच्छा रिस्पॉन्स मिला. कुल 1.49 करोड़ लोगों ने 112 पर कॉल कर अपनी समस्याएं शेयर की.
गुजरात के सभी नागरिकों को एक ही फोन नंबर पर सभी इमरजेंसी सेवाएं प्राप्त हों, यह सुनिश्चित करने के लिए साल 2019 में 112 ईआरएसएस (इमरजन्सी रिसपोन्स सपोर्ट सिस्टम) हेल्पलाइन नंबर की घोषणा की गई थी. स्वास्थ्य एवं परिवार, पुलिस, अग्निशमन, महिला एवं बाल विकास तथा राजस्व-आपदा प्रबंधन विभागों के स्वतंत्र टोल-फ्री नंबरों को 112 नंबर के माध्यम से एकीकृत किया गया.
प्रारंभिक चरण में फिलहाल यह सेवा गिर सोमनाथ, देवभूमि द्वारका, मोरबी, छोटा उदेपुर, बोटाद, अरावली और महिसागर में शुरू की गई थी और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में निकट भविष्य में इसे पूरे राज्य में लागू करने की दिशा में काम चल रहा है.
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सात जिलों में 1.49 करोड़ कॉलों का सफल रिस्पॉन्स दिया गया
19 फरवरी, 2019 को इसके शुभारंभ के बाद से, ईआरएसएस-112 के तहत गुजरात में 1.49 करोड़ से अधिक इमरजेंसी कॉलों को सफलतापूर्वक संभाला गया है, जिनमें से 69,477 मामलों में तत्काल सहायता के लिए इमरजेंसी टीमें भेजी गईं. वर्तमान में, सात जिलों में पुलिस का औसत प्रतिक्रिया समय 26 मिनट और 59 सेकेंड है.
नियंत्रण एवं कमान केंद्र से वास्तविक समय पर निगरानी
इस सेवा को पूरे राज्य में उपलब्ध कराने के लिए और इसकी निगरानी के लिए वर्तमान में एक एकीकृत नियंत्रण एवं कमांड सेंटर तथा आईटी अवसंरचना स्थापित करने का कार्य चल रहा है. यह केंद्र सभी जिलों में इमरजेंसी प्रतिक्रिया कार्यों की वास्तविक समय पर निगरानी करने में सक्षम होगा. इन सेवाओं की निगरानी जिला स्तर पर स्वतंत्र रूप से भी की जा सकती है. सरकार डिजिटल टेक्नोलॉजी की पहुंच बढ़ाकर इस सेवा को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.
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500 पीसीआर वैन का आवंटन, कर्मचारियों का प्रशिक्षण
जिलों में लोगों को तत्काल इमरजेंसी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए 500 नई हाईटेक पीसीआर वैन आवंटित की जाएंगी. पुलिस विभाग सहित इमरजेंसी प्रतिक्रिया में शामिल कार्मिकों को वास्तविक समय डिजिटल अपडेट सहित इमरजेंसी प्रतिक्रिया पर आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है.