गुजरात के इंजीनियर अमित गुप्ता को कतर की पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. वह एक जांच के सिलसिले में कतर प्रशासन के रडार पर थे. हालांकि भारतीय नागरिक अमित गुप्ता के खिलाफ आरोपों का अभी तक खुलासा नहीं किया गया है. सूत्रों के मुताबिक दोहा स्थित भारतीय दूतावास को इस मामले की जानकारी है और वह अमित गुप्ता के परिवार, उनके वकील और कतर के अधिकारियों के लगातार संपर्क में है.
भारतीय दूतावास ने बयान जारी कर कहा कि हरसंभव मदद दी जा रही है और उनके मामले की बारीकी से निगरानी की जा रही है.
मूल रूप से वडोदरा के रहने वाले अमित गुप्ता टेक महिंद्रा में काम करने के लिए एक दशक से भी पहले कतर चले गए थे. अमित के माता-पिता के अनुसार उनके बेटे को 1 जनवरी को अज्ञात व्यक्तियों ने उस समय उठा लिया जब वह खाने के लिए बाहर गए हुए थे. परिवार का कहना है कि हमें ये भी नहीं पता कि अमित गुप्ता को हिरासत में क्यों लिया गया है. परिजनों ने प्रधानमंत्री कार्यालय और अन्य अधिकारियों से मदद मांगी है.
अमित के पिता जगदीश गुप्ता ने कहा कि हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि हमारे बेटे को क्यों हिरासत में लिया गया है या उस पर क्या आरोप हैं. हम ईश्वर और भारत सरकार से उनकी सुरक्षित वापसी की प्रार्थना करते हैं.
अमित की मां पुष्पा गुप्ता ने भी इसी तरह की चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हम बस यही चाहते हैं कि हमारा बेटा सुरक्षित घर वापस आ जाए.
परिवार ने सहायता के लिए वडोदरा के सांसद हेमंग जोशी से भी संपर्क किया है. जोशी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह समाधान खोजने के लिए कतर के अधिकारियों और भारतीय दूतावास से बात करेंगे.
जानकारी के मुताबिक अमित गुप्ता को सप्ताह में एक बार अपने माता-पिता से बात करने की अनुमति है. इन कॉल के दौरान वह केवल इतना ही कह पाए कि मुझे जल्द से जल्द यहां से निकालो. उसके माता-पिता उसकी रिहाई का इंतजार कर रहे हैं.