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गुजरात सरकार का बड़ा फैसला, बिजली ट्रांसमिशन लाइनों से होले वाले नुकसान पर किसानों को मिलेगा दोगुना मुआवजा

गुजरात सरकार ने किसानों के खेतों और ट्रांसमिशन टावरों से गुजरने वाली ट्रांसमिशन लाइनों के निर्माण के दौरान भूमि, फसल, फलदार पेड़ों के नुकसान के लिए दी जाने वाली मुआवजे की दर में वृद्धि की है.

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गुजरात सरकार ने बिजली ट्रांसमिशन लाइनों से होने वाले नुकसान के लिए किसानों का मुआवजा बढ़ाया. (File Photo)
गुजरात सरकार ने बिजली ट्रांसमिशन लाइनों से होने वाले नुकसान के लिए किसानों का मुआवजा बढ़ाया. (File Photo)

गुजरात सरकार ने किसानों के हित में एक और फैसला लिया है. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की सरकार ने राज्य में बिजली ट्रांसमिशन लाइनों या ट्रांसमिशन टावरों के निर्माण के दौरान भूमि, फसलों और पेड़-पौधों को होने वाले नुकसान के लिए किसानों के मुआवजे में वृद्धि की है. ट्रांसमिशन टावर लगाने के दौरान होने वाले नुकसान के लिए सरकार की मौजूदा जंत्री दरों के 200% की दर से मुआवजा दिया जाएगा. बता दें कि जंत्री रेट गुजरात सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम प्रॉपर्टी रेट है. 

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किसान की भूमि के ऊपर से गुजरने वाली ट्रांसमिशन लाइन की चौड़ाई और लंबाई को ध्यान में रखते हुए भूमि क्षेत्र के 25% की दर से मुआवजा दिया जाएगा. ट्रांसमिशन लाइन का रूट तय करने से पहले स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों से परामर्श आवश्यक होगा. सरकार ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि जहां तक संभव हो सुनिश्चित करें कि कृषि भूमि से न्यूनतम ट्रांसमिशन लाइन गुजरे.

ऊर्जा मंत्री कनुभाई देसाई ने कहा कि राज्य के किसानों के हित में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने किसानों की मांगों को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. किसानों के खेतों और ट्रांसमिशन टावरों से गुजरने वाली ट्रांसमिशन लाइनों के निर्माण के दौरान भूमि, फसल, फलदार पेड़ों के नुकसान के लिए राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली मुआवजे की दर में वृद्धि की गई है.

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मौजूदा दिशानिर्देशों में किए गए संशोधन के बारे में बात करते हुए मंत्री देसाई ने कहा कि ट्रांसमिशन टावर आधारित क्षेत्र (टावर के चार पिलर्स के बीच का हिस्सा) में जमीन के नुकसान के लिए मुआवजा दिया जाएगा. इसके लिए सरकार की  ऑनलाइन जंत्री दरों का 200 प्रतिशत लेख की गणना करके मुआवजे का भुगतान किया जाएगा. साथ ही राज्य सरकार द्वारा जंत्री दरों में कोई सुधार नहीं किये जाने पर प्रति वर्ष 10 प्रतिशत की वृद्धि (चक्रीय वृद्धि) को भी ध्यान में रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि किसान हित में राज्य सरकार के इस निर्णय से वर्तमान मुआवजा राशि लगभग दोगुना हो जाएगी.

राइट-ऑफ-वे कॉरिडोर के बारे में बात करते हुए ऊर्जा मंत्री कनुभाई देसाई ने कहा कि ट्रांसमिशन लाइन के कारण भूमि के मूल्य में कमी के लिए सरकार द्वारा दिए जाने वाले मुआवजे में भी सुधार किया गया है. भूमि मालिक की भूमि के ऊपर से गुजरने वाली बिजली लाइन की चौड़ाई और लंबाई के आधार पर भूमि क्षेत्र के 15% के बजाय 25% के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा. यह मुआवज़ा उस समय और स्थान पर सरकार की प्रचलित ऑनलाइन जंत्री दरों के 200% की दर से दिया जाएगा.

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