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कोरोनाः गुजरात में नवरात्रि गरबा, दशहरा, दिवाली के लिए गाइडलाइन जारी, जानें नियम

गुजरात सरकार ने राज्य में मौजूदा कोरोना संक्रमण की स्थिति के साथ-साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य कल्याण के मद्देनजर आगामी त्योहारों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. राज्य सरकार के इन दिशानिर्देशों और निर्णयों को 15 अक्टूबर 2020 से लागू करना होगा.

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त्योहारों के लिए नई गाइडलाइन जारी (फाइल फोटो-AP)
त्योहारों के लिए नई गाइडलाइन जारी (फाइल फोटो-AP)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राज्य में कोई गरबा आयोजित नहीं होगा
  • कार्यक्रम आयोजन के लिए लेनी होगी इजाजत
  • 200 से अधिक लोग इकट्ठा नहीं हो सकते

गुजरात सरकार ने कोरोना संकट के बीच त्योहारों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. गुजरात सरकार ने नवरात्रि गरबा, दशहरा, दिवाली, गुजराती नया साल और शरद पूर्णिमा के लिए आयोजित होने वाले समारोह को लेकर गाइडलाइन जारी की.

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गुजरात सरकार ने राज्य में मौजूदा कोरोना संक्रमण की स्थिति के साथ-साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य कल्याण के मद्देनजर आगामी त्योहारों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. राज्य सरकार के इन दिशा-निर्देशों और निर्णयों को 15 अक्टूबर 2020 से लागू करना होगा.

गाइडलाइन के अनुसार, नवरात्रि के दौरान राज्य में कोई गरबा आयोजित नहीं किया जा सकता है. नवरात्रि में गरबा/मूर्ति को सार्वजनिक रूप से खुले स्थान पर स्थापित और उसकी पूजा की जा सकती है, लेकिन फोटो या मूर्तियों को छुआ या प्रसाद वितरित नहीं किया जा सकता है. 

इसके लिए स्थानीय प्रशासन की मंजूरी की आवश्यकता होगी. मेलों, रैलियों, प्रदर्शनियों, रावण दहन, रामलीला, शोभा यात्रा जैसे बड़े कार्यक्रमों में जहां बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं, उन पर प्रतिबंध रहेगा. 200 से अधिक लोग इकट्ठा नहीं हो सकते हैं और कार्यक्रम की अवधि केवल एक घंटे की होगी.

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SOP का पालन अनिवार्य 

कंटेनमेंट जोन के अलावा अन्य क्षेत्रों में सामाजिक, शैक्षिक खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक गतिविधियां, धार्मिक समारोहों की योजना भी कुछ विशेष क्षेत्रों के अधीन होगी. नियम के अनुसार छह फीट की दूरी के साथ उसके लिए फ्लोर मार्किंग की आवश्यकता होगी.

दिशा-निर्देशों के मुताबिक, पूरे समारोह के दौरान हर समय चेहरा ठीक से ढका होना चाहिए. थर्मल स्कैनर, सैनिटाइजर के साथ-साथ स्टेज, माइक, कुर्सी के अलावा ऑक्सी मीटर की सुविधा को समय-समय पर सैनिटाइज़ किया जाना चाहिए. हैंडवॉश, सैनिटाइजर सभी को अपने साथ रखना होगा. समारोह के दौरान थूकना और पान-मसाला व गुटखे का सेवन पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा.

गाइडलाइन में कहा गया है कि 60 वर्ष से अधिक उम्र और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों को ऐसे समारोहों में भाग नहीं लेना चाहिए.

यदि इस तरह के समारोह हॉल, होटल, बैंक्वेट हॉल, सभागारों, जाति समाजों के विवाह मंडलों, टाउन हॉल या अन्य बंद स्थानों में आयोजित किए जाते हैं, तो ऐसी जगह की क्षमता  50 प्रतिशत या अधिकतम 300 लोग एकत्रित हो सकते हैं. 100 लोग शादी के रिसेप्शन जैसे समारोह में हिस्सा ले सकते हैं. मृत्यु के बाद अंतिम क्रिया-अनुष्ठान में अधिकतम 100 लोग शामिल हो सकते हैं. दुर्गा पूजा, दशहरा, दिवाली, नव वर्ष, भाई दूज, शरदपूर्णिमा जैसे त्योहारों को घर पर रहकर और परिवार के सदस्यों के साथ पूजा करने की सलाह दी जाती है.

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