राजस्थान के उदयपुर में गुरुवार से कांग्रेस का तीन दिवसीय चिंतन शिविर शुरू हो चुका है. इस चिंतन शिविर में कांग्रेस के कई दिग्गजों का दर्द ये है कि उनको निमंत्रण ही नहीं मिला लेकिन गुजरात कांग्रेस के नंबर दो नेता कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने तो निमंत्रण मिलने के बावजूद किनारा कर लिया. हार्दिक पटेल उदयपुर में चल रहे चिंतन शिविर के पहले दिन शामिल नहीं हुए. एक तरफ जहां चिंतन शिविर में सोनिया गांधी ने नेताओं से एकजुट रहने, पार्टी फोरम पर अपनी बात कहने का साफ संदेश दिया तो दूसरी तरफ बैठक से किनारा कर हार्दिक पटेल शीर्ष नेतृत्व को क्या संदेश देना चाहते हैं, इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई है.
सियासी गलियारों में ये चर्चा भी शुरू हो गई है कि क्या हार्दिक पार्टी छोड़ेंगे, क्या वे सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होंगे या पिछले कुछ समय से गुजरात कांग्रेस में हाशिए पर नजर आ रहे प्रदेश के नंबर दो नेता हार्दिक पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर अपनी पीड़ा का संज्ञान लेने के लिए दबाव बनाना चाहते हैं?
हार्दिक के मन में क्या है, ये हार्दिक ही जानें. लेकिन एक बात साफ है कि हार्दिक ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को कड़ा संदेश दे दिया है. गुजरात में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में हार्दिक की नाराजगी, गुजरात कांग्रेस की अंतर्कलह से पार पाना कांग्रेस नेतृत्व के लिए बड़ी चुनौती बन गई है.
राहुल गांधी ने की थी हार्दिक से बात
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी चिंतन शिविर की शुरुआत से चंद दिन पहले 10 मई को गुजरात पहुंचे थे. राहुल गांधी के सामने नरेश पटेल को लेकर पार्टी का स्टैंड साफ करने की मांग भी उठी. राहुल गांधी ने दाहोद में आदिवासी सत्याग्रह रैली को संबोधित करते हुए मंच से हार्दिक पटेल का नाम भी लिया. राहुल गांधी ने संबोधन के बाद मंच के करीब ही हार्दिक पटेल से कुछ देर तक बातचीत भी की थी. हार्दिक पटेल और राहुल गांधी की बातचीत कुछ मिनट तक चली थी.
राहुल गांधी की हार्दिक पटेल के साथ बातचीत के बाद ये माना जाने लगा था कि पार्टी और पाटीदार नेता के बीच मतभेद दूर हो गए होंगे लेकन जब चिंतन शिविर की शुरुआत हुई, य साफ हो गया कि हार्दिक की नाराजगी दूर नहीं हुई है. इस बीच हार्दिक पटेल के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें भी जारी हैं. हालांकि, हार्दिक पटेल पहले भी ये साफ कह चुके हैं कि वे बीजेपी में नहीं जा रहे हैं.
केसी वेणुगोपाल को बताई थी पीड़ा
हार्दिक पटेल ने पहले केसी वेणुगोपाल से मुलाकात कर अपनी पीड़ा जाहिर की थी. हार्दिक ने केसी वेणुगोपाल को ये जानकारी दी थी कि उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष तो बना दिया गया है लेकिन काम नहीं करने दिया जा रहा. पार्टी के कार्यक्रमों के संबंध में उनको जानकारी नहीं दी जाती, यहां तक कि उनको पार्टी के पोस्टर पर भी जगह नहीं दी जा रही है. हार्दिक पटेल की नाराजगी की एक वजह नरेश पटेल के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर पिछले कुछ समय से बनी उहापोह की स्थिति भी बताई जा रही है.