गुजरात हाई कोर्ट ने चुनाव आचार संहिता के कथित उल्लंघन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आम आदमी पार्टी के एक कार्यकर्ता द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी. यह मामला अप्रैल 2014 में यहां लोकसभा चुनावों में मतदान के बाद बीजेपी के चुनाव चिन्ह ‘कमल का फूल’ दिखाने और ‘सेल्फी’ लेने से संबंधित है.
एक निजी शिकायत दर्ज कराने में याचिकाकर्ता एवं आप सदस्य निशांत वर्मा की ‘लीगल स्टैंडिंग’ पर सवाल उठाते हुए कोर्ट ने इस मामले में एक निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा. न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला ने कहा, ‘समीक्षा की याचिका नाकाम हुई और इसलिए यह खारिज की जाती है.’ न्यायमूर्ति पारदीवाला ने कहा, ‘मैं आपकी इस बात से इत्तेफाक नहीं रखता कि मजिस्ट्रेट ने याचिका खारिज करते हुए उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया.’ उन्होंने कहा, ‘मेरी व्याख्या के अनुसार, मजिस्ट्रेट को खारिज करने का अधिकार है और ऐसा उचित तरीके से किया गया है, इसलिए मैं इसे खारिज करता हूं.’ वर्मा ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की थी.
यहां बता दें कि इसी साल मई में निचली अदालत ने साल 2014 में आदर्श आचार संहिता का कथित उल्लंघन करने को लेकर पीएम मोदी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी थी. याचिका के अनुसार पिछले साल 30 अप्रैल को जब गुजरात में 26 लोकसभा सीटों के लिए मतदान हो रहा था तो बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के तत्कालीन उम्मीदवार मोदी ने अहमदाबाद के रानिप इलाके में एक स्कूल में मतदान के तुरंत बाद प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया था और अपनी पार्टी का चुनाव चिन्ह कमल दिखाया था. मोदी ने अपनी पार्टी का चुनाव चिन्ह कमल पकड़े हुए अपने मोबाइल फोन से एक सेल्फी भी ली थी.
इनपुट- भाषा