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मोरबी हादसे पर हाइकोर्ट ने सरकार से मांगी एक्शन टेकन रिपोर्ट, पूछा- जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की

हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कि मोरबी हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारी और पदाधिकारियों पर क्या एक्शन लिया गया. बता दें कि मोरबी के केबल ब्रिज को बहाल करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. इसमें कहा गया था कि टूटा हुआ पुल एक विरासत पुल था, इसे फिर से बनाया जाए.

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मोरबी ब्रिज हादसे को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार से एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी है (File Photo)
मोरबी ब्रिज हादसे को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार से एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी है (File Photo)

गुजरात के मोरबी पुल हादसे को लेकर हाइकोर्ट ने सरकार से एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी है. दरअसल, SIT ने हादसे के लिए ओरेवा कंपनी को जिम्मेदार माना था. साथ ही रिपोर्ट में कंपनी की कई गड़बड़ियां सामने आई थीं. अब कोर्ट ने पूछा है कि सरकार ने वहां के नगर निगम के अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की. बता दें कि मोरबी में 30 अक्टूबर 2022 को मच्छु नदी पर बना पुल टूटने से हादसा हुआ था. 

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हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कि मोरबी हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारी और पदाधिकारियों पर क्या एक्शन लिया गया. बता दें कि मोरबी के केबल ब्रिज को बहाल करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. इसमें कहा गया था कि टूटा हुआ पुल एक विरासत पुल था, इसे फिर से बनाया जाए. साथ ही सड़क परिवहन एवं राजमार्ग विभाग की तकनीकी टीम की देखरेख में नए सिरे से पुल का निर्माण कराने की मांग की गई है. याचिका में निश्चित अवधि के अंदर पुल का पुनः निर्माण कराने का उल्लेख किया गया है. इसमें कहा गया है कि पुल के निर्माण में हुआ खर्च संबंधित पक्षों से समान रूप से वसूला जाना चाहिए.

बता दें कि अप्रैल के महीने में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने ओरेवा कंपनी को फटकार लगाई थी. ओरेवा के एमडी जयसुख पटेल को फटकारते हुए हाईकोर्ट ने दो टूक कहा था कि मोरबी ब्रिज हादसे के लिए आप जिम्मेदार हैं. हाईकोर्ट ने पूछा कि जयसुख पटेल के खिलाफ अवमानना क्यों नहीं दायर की जाए. 

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गुजरात हाईकोर्ट ने लापरवाही के लिए ओरेवा कंपनी को नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने ओरेवा के एमडी को फटकारते हुए कहा कि आप यहां लुका-छिपी खेलने नहीं आए, आप हर वक्त ऐसा कर रहे हैं. पहले कहा गया कि एमडी जेल में हैं और अब दूसरा बहाना बनाया जा रहा है.  कोर्ट ने कहा था कि यह स्वत: संज्ञान से की गई सुनवाई है, हम कंपनी की बात सुनने के लिए बाध्य नहीं हैं, आपको बस कोर्ट के आदेश का पालन करना होगा. ओरेवा कंपनी ने अब तक कोई कठोर कार्रवाई नहीं की है. यह घटना आपकी वजह से हुई और मोरबी ब्रिज हादसे के लिए आप जिम्मेदार हैं.

कब हुआ था मोरबी हादसा?

अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा ग्रुप) को मच्छू नदी पर ब्रिटिश काल के सस्पेंशन ब्रिज के संचालन और रखरखाव के लिए ठेका मिला था. ये पुल साल 2022 में 30 अक्टूबर को गिर गया था. एसआईटी ने पुल की मरम्मत, रखरखाव और संचालन में कई खामियां पाई थीं. इस एसआईटी टीम में आईएएस अधिकारी राजकुमार बेनीवाल, आईपीएस अधिकारी सुभाष त्रिवेदी, राज्य सड़क और भवन विभाग के एक सचिव और एक मुख्य अभियंता और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के एक प्रोफेसर शामिल थे.

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