गुजरात से उत्तर भारतीयों के पलायन को लेकर मानव अधिकार आयोग ने सूबे के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी को नोटिस जारी किया है. गुजरात में उत्तर भारतीयों पर हमले किए जा रहे हैं और उनको डराया-धमकाया जा रहा है. उत्तर भारतीयों के साथ जगह-जगह मारपीट और हमले की घटनाओं के बाद मानवाधिकार आयोग ने यह नोटिस जारी किया है.
गुजरात के चीफ सेक्रेटरी जेएन सिंह और पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा के अलावा अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर को भी नोटिस भेजा गया है. मामले में आयोग ने इनको 20 दिन के भीतर अपनी-अपनी रिपोर्ट देने को कहा है.
गुजरात मानव अधिकार आयोग की अध्यक्ष अभिलाषा कुमारी ने बताया कि सूबे में उत्तर भारतीयों पर हमले किए जा रहे हैं और उनको डराया-धमकाया जा रहा है. मामले में चीफ सेक्रेटरी, पुलिस महानिदेशक और अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी करके पूछा गया है कि आखिर इन हिंसाओं को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाए गए.
उन्होंने कहा कि मामले की रिपोर्ट आने के बाद आगे कदम उठाया जाएगा. हमारा मकसद मानवाधिकारों की रक्षा करना है. उन्होंने कहा कि उत्तर भारतीयों के गुजरात से पलायन करने की वजह डर और दहशत बताई जा रही है. इस घटना को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है. राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी जारी है. इस बीच मानवाधिकार आयोग ने मामले को संज्ञान लेते हुए ये नोटिस जारी किया है.
वहीं, उत्तर भारतीय विकास परिषद के अध्यक्ष महेश सिंह कुशवाहा ने दावा किया कि पिछले एक हफ्ते में गुजरात से करीब 20,000 उत्तर भारतीयों ने पलायन किया.
बता दें कि गुजरात के साबरकांठा जिले में 14 माह की बच्ची से बलात्कार की घटना के बाद गैर-गुजरातियों पर हमले शुरू हुए हैं, जिसके बाद कई क्षेत्रों से यूपी-बिहार के लोगों ने पलायन शुरू कर दिया. उधर, मामलों में गुजरात के विभिन्न हिस्सों से पुलिस ने अब तक 342 लोगों को गिरफ्तार किया है.