गुजरात में लोकसभा चुनाव से पहले विधायकों के इस्तीफे का दौर जारी है. पहले आम आदमी पार्टी के एक, फिर कांग्रेस के दो विधायक और अब निर्दलीय विधायक ने इस्तीफा दिया है. 182 सदस्य वाली विधानसभा में अब 4 सीट खाली हैं. गुरुवार को वडोदरा की वाघोडिया सीट के निर्दलीय विधायक धर्मेंद्र सिंह वाघेला ने विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी को मिलकर इस्तीफा दे दिया.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा स्वीकार किया है और विधायक ने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया होने की बात अध्यक्ष को कही है. दरअसल, धर्मेंद्र सिंह वाघेला पहले भाजपा में ही थे पर साल 2017 में भाजपा से टिकट न मिलने के कारण निर्दलीय चुनाव लड़ा और बुरी तरह से हारे थे. इसके बाद उनको भाजपा से निष्कासित किया गया था फिर थोड़े दिनों में भाजपा मे वापिस लौटे थे.
साल 2022 में फिर एक बार उनको भाजपा से टिकट नहीं मिला, जिसकी वजह से उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और इस बार 6 टर्म के विधायक मधु श्रीवास्तव को उन्होंने हराया. मधु श्रीवास्तव को भी भाजपा ने टिकट नहीं दिया था, जिसकी वजह से वह भी निर्दलीय चुनाव लड़े थे और बुरी तरह हारे. इसी सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़कर धर्मेंद्र सिंह वाघेला विधानसभा में पहुंचे थे और पहुंचने के बाद तुरंत भाजपा को समर्थन घोषित किया था.
इलाके में मजबूत पकड़ रखते हैं वाघेला
क्षत्रीय समाज से आने वाले वाघेला अपनी इलाके में अच्छी पकड़ रखते हैं और आने वाले दिनों में भाजपा में वापसी करेंगे. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ मजबूत करने के लिए वह घर वापसी कर रहे हैं. निर्दलीय विधायक होने के चलते घर वापसी से पहले उन्होंने इस्तीफा दिया और अब आने वाले लोकसभा चुनाव में इसी सीट से विधानसभा का उपचुनाव लड़ेंगे ऐसा माना जा रहा है हालांकि अभी उन्होंने इस बात को सार्वजनिक तौर पर स्पस्ट नहीं किया है.
बीजेपी ने 2022 में जीतीं 156 सीटें
बता दें कि गुजरात में साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 156 सीटों पर अप्रत्याशित जीत मिली थी. आम आदमी पार्टी के पांच और कांग्रेस के 17 विधायक जीते थे. जबकि भाजपा से टिकट न मिलने के कारण निर्दलीय लड़े तीन विधायक भी जीते थे जिसमें से एक ने आज इस्तीफा दिया अब विधानसभा में भाजपा के 156 विधायक कांग्रेस के 15 आम आदमी पार्टी के चार और दो निर्दलीय विधायक है.
माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के साथ इन बाकी चार सीटों का भी उपचुनाव होगा और भाजपा आशावादी है कि सभी सीटें बीजेपी जीतेगी. अभी भी कांग्रेस के कुछ और विधायक लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा का दामन थाम सकते हैं ऐसा माना जा रहा है.