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गुजरात में सबसे ज्यादा लोग होते हैं ब्लड ट्रांसफर के दौरान HIV के शिकार

खुद को देश के अव्वल राज्य का तमगा देते गुजरात में पिछले 6 सालों में 2,500 लोग एचआईवी इंफेक्शन के शिकार हो चुके हैं.  एक आरटीआई के जवाब में स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि रक्त के आदान-प्रदान के कारण हुए एचआईवी इंफेक्शन के 271 मामलों के साथ गुजरात देश में टॉप पर है.

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खुद को देश के अव्वल राज्य का तमगा देते गुजरात में पिछले 6 सालों में 2,500 लोग एचआईवी इंफेक्शन के शिकार हो चुके हैं.  एक आरटीआई के जवाब में स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि रक्त के आदान-प्रदान के कारण हुए एचआईवी इंफेक्शन के 271 मामलों के साथ गुजरात देश में टॉप पर है.

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पिछले छह सालों में राज्य में ऐसे सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. अंग्रेजी अखबार 'टाइम्स ऑफ इंडिया' में छपी खबर के मुताबिक, विशेषज्ञों  का मानना है कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही और ब्लड बैंक का खराब प्रबंधन इसके लिए जिम्मेदार है.

नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (NACO) और स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक आरटीआई के जवाब में 2008 से 2013 तक आंकड़ों का खुलासा किया है. आंकड़ों  के मुताबिक, 2008 में गुजरात में एचआईवी इंफेक्शन के 192 मामले दर्ज हुए. 2009 में बड़े उछाल के साथ यह आंकड़ा 563 पहुंच गया, हालांकि इसके बाद इंफेक्शन के मामलों में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई. फिर भी एचआईवी इंफेक्शन के मामले में गुजरात टॉप पर ही रहा.

2013 में गुजरात में एचआईवी इंफेक्शन के 271 मामले दर्ज हुए. इस सूची में 230 केस के साथ उत्तर प्रदेश दूसरे, 198 मामलों के साथ महाराष्ट्र तीसरे और 143 मामलों के साथ दिल्ली चौथे स्थान पर रहा. गुजरात सरकार ने इन आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि राज्य में ऐसी स्थिति नहीं है. गुजरात राज्य परिषद  के ज्वॉइंट डायरेक्टर एमडी गज्जर का कहना है, 'आरटीआई के जवाब में गलत आंकड़े दिए गए हैं. रक्त के आदान-प्रदान के दौरान एचआईवी इंफेक्शन के मामले .02 फीसदी से कम हैं. राज्य में ऐसे मामले में बेहद कम हैं.'

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