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गुजरात: गरबा बंद न करने पर पथराव... घटना के चार दिन बाद भी डर कायम, स्कूल न जाने पर बच्चों की हो रही काउंसलिंग

गुजरात के खेड़ा जिले के उंढेला गांव में अष्टमी नवरात्र की रात को पथराव के बाद तनाव फैल गया था. भारी सुरक्षाबल के कारण इलाके में चार दिन बाद भले माहौल शांत हो गया है लेकिन लोगों के मन में अभी भी डर बना हुआ है. दरअसल दूसरे समुदाय के लोगों ने गरबा बंद करने के लिए कहा था. ऐसा न करने पर उन्होंने पत्थरबाजी शुरू कर दी थी, जिससे वहां भगदड़ मच गई थी. पत्थरबाजी में 6 महिलाएं घायल हो गई थीं.

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उंढेला गांव में अष्टमी नवरात्र की रात हुआ था पथराव (फाइल फोटो)
उंढेला गांव में अष्टमी नवरात्र की रात हुआ था पथराव (फाइल फोटो)

गुजरात के खेड़ा जिले के उंढेला गांव में अष्टमी नवरात्र की रात को गरबा न बंद करने पर कुछ लोगों ने पथराव कर दिया था, जिसके वहां भगदड़ मच गई थी, 6 महिलाएं जख्मी भी हो गई थीं. इस घटना से इलाके में तनाव फैल गया था. चार दिन बाद शुक्रवार को इलाके में माहौल शांत नजर आया लेकिन घटना को लेकर लोगों के मन में डर बना हुआ है. लोग अपने बच्चों को स्कूल में पढ़ने के लिए नहीं भेज रहे हैं. 

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बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों की टीम उढेला गांव पहुंची. टीम और स्कूल प्रशासन पेरेंट्स की काउंसलिंग कर रहे हैं और दोनों समुदाय के लोगों के साथ बैठक भी कर रहे हैं. इसका असर यह रहा कि शुक्रवार को 450 बच्चों में 125 स्कूल पढ़ने पहुंचे जबकि तनाव के अगले दिन इलाके का एक भी बच्चा स्कूल नहीं गया था. स्कूल के प्रिंसिपल चैतन्य राठौड़ ने आजतक से बातचीत में अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजें.

हम दूसरे के त्योहार में बाधा नहीं बनते तो हमारे में रुकावट क्यों

आजतक की टीम ने पथराव में घायल महिलाओं और सरपंच से भी बात की. उन्होंने कहा कि उन्हें इंसाफ चाहिए. हम क्यों गरबा या कुछ नहीं कर सकते. हम कभी उनके त्योहारों में बाधा नहीं पहुंचाते तो हमें भी कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. अगर पुलिस न होती तो शायद माहौल कुछ और ही होता.

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पुलिस ने आरोपियों को पीटकर सही किया

गांववालों ने पुलिस द्वारा आरोपियों की पिटाई को सही ठहराया है. गांववालों ने कहा कि पुलिस अपनी जगह पर सही है. हम भी यही चाहते थे कि ऐसे लोगों को ऐसी सजा मिले ताकी वे दोबारा ऐसा न करें. दरअसल पथराव का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों को बिजली के खंभे से बांधकर उनकी डंडे से पिटाई कर दी थी. पुलिस के इस रवैये की अब निंदा हो रही है. खेड़ा कोर्ट ने पिटाई के मामले में जांच के भी आदेश दे दिए हैं. अहमदाबाद आईजी रेंज वी चंद्रशेखर इस मामले की जांच कर रहे हैं.

सरपंच ने मुस्लिम समाज के लोगों को उकसाया

एक संगठन ने डीएम को ज्ञापन सौंपते हुए आरोप लगाया कि गांव के सरपंच ने ही मीटिंग कर मुस्लिम समाज को उकसाया था. संगठन ने कहा कि गांव में किसी दूसरी जगह गरबा का आयोजन किया जा सकता था, लेकिन मस्जिद के पास ही चौक पर गरबा का आयोजन राजनीतिक लाभ के लिए किया गया था.

संगठन ने ज्ञापन देते हुए इस मामले में निष्पक्ष तरीके से जांच की मांग की है. उसने कहा कि सरपंच इंद्रवदन पटेल ने गलत एफआईआर दर्ज कराई है, उसे रद्द किया जाए साथ ही कानून हाथ में लेने वाले पुलिस अफसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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