जंगली जानवरों के लिए जंगल खत्म होने के कारण आए दिन उनका इंसानी इलाकों में आना आम बात हो गई है. गुजरात के सचिवालय में तेंदुआ के घुसने के कुछ दिन बाद राज्य के अमरेली के खांभा में एक घर में शेर घुस गया और लंबे समय तक वह वहां रखी मूंगफली के फसल पर बैठा रहा. हालांकि उसने कोई नुकसान नहीं पहुंचाया.
शेर अमरेली के खांभा के पास बीती रात एक किसान के घर में घुस गया. गांव में दिवाली की धूम होने के कारण लोग जगे हुए थे और उन्होंने शेर को घर में जाता देख लिया. फसल की तरफ एक कमरे में शेर के जाने के बाद ग्रामिणों ने उसे बाहर से बंद कर दिया.
शेर घर में रखी मूंगफली के फसल पर बैठा रहा. शेर को वहां बैठा देखकर हर कोई सन्न हो गया और उन्होंने वन विभाग को इसकी सूचना दी. शेर के घर के अंदर घुसने की जानकारी मिलते ही वन विभाग हरकत में आया और शेर को निकालने की कोशिश में जुट गए.
करीब घंटेभर की मशक्कत के बाद वन विभाग की टीम शेर को घर से बाहर निकालने में कामयाब रही. शेर की मौजूदगी के कारण आसपास के लोगों में दहशत का माहौल बना रहा, लेकिन खास बात यह रही कि उसने किसी पर हमला नहीं किया.
इससे पहले पिछले हफ्ते सोमवार को गुजरात सचिवालय में सुबह 7 बजे के करीब एक तेंदुआ घुस आया था. सुबह की सीसीटीवी फुटेज में तेंदुआ को 14 ब्लॉक्स कॉम्पलैक्स गेट से घुसते दिखने के बाद सचिवालय परिसर को चारों तरफ से घेर दिया गया.
तेंदुआ के अंदर जाने की वजह से वहां आने-जाने पर रोक लगा दी गई थी. तेंदुआ को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए वन विभाग के करीब 200 कर्मचारियों को लगाया गया था.
ऐसी ही एक घटना पिछले हफ्ते शुक्रवार को शिमला के एक रिहायशी इलाके में घटी जब एक तेंदुआ हाटेश्वरी मंदिर इलाके में घुस आया और स्थानीय लोगों का कहना है कि कई कुत्तों पर हमला भी किया.
इस साल जनवरी में लखनऊ में एक तेंदुआ स्कूल में घुस आया, जिसके बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरा मच गई थी. करीब आठ घंटे चले ऑपरेशन के बाद तेंदुए को बेहोश कर काबू किया गया. इसके बाद वन विभाग की टीम तेंदुए को पकड़कर ले गई. घटना के वक्त स्कूल के हॉस्टल में करीब 60 बच्चे मौजूद थे.
फरवरी में उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के बजिंगा गांव में एक तेंदुए ने घर में घुसकर बाप-बेटे पर तब हमला कर दिया जब दोनों आधी रात को गहरी नींद में सो रहे थे. हमले में दोनों बुरी तरह घायल हो गए.