scorecardresearch
 

गुजरात: लव जिहाद के बाद 'लैंड जिहाद', अशांत धारा एक्ट को लेकर फंसा पेच

सालों से इस इलाके में हिंदू- मुस्लिम दोनों आमने- सामने रहते हैं. इस इमारत को रिडेवलप करने वाले बिल्डर नौशादभाई का कहना है कि, ढाई साल में इमारत बन कर तैयार है.

Advertisement
X
प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

Advertisement

गुजरात के पालडी के एलिसब्रिज इलाके में लव जिहाद के बाद अब 'लैंड जिहाद' को लेकर 24 लोगों के आशियाने खतरे में पड़ गए हैं.

दरअसल, इस इलाके के वर्षा फ्लैट को रिडेवलपमेंट के लिए दिया गया था. जो कि 1970 में बना हुआ था. उस वक्त यहां रहने वाले सभी लोग हिंदू थे. हालांकि बाद में इस फ्लेट में 1997 तक 22 घरों को मुस्लिम को बेच दिया गया. इसमें रिडेवलपमेंट के वक्त 2 और हिंदू ने अपना घर मुस्लिम को बेचा. ढाई साल बाद अब तीन मंजिल की ये इमारत जब 7 मंजिल बन कर तैयार है. यहां आसपास रहने वाले हिंदू और हिंदू संगठन ने इस इमारत को लेकर कलेक्टर से शिकायत की. गुजरात में लागू अशांत धारा एक्ट का भंग बताते हुए इमारत की एनओसी को रद्द करने के लिए कहा है.

Advertisement

बता दें कि सालों से इस इलाके में हिंदू- मुस्लिम दोनों आमने- सामने रहते हैं. इसमें कुछ फ्लैट हिंदू के हैं तो कुछ फ्लैट मुस्लिम के हैं. इस इमारत को रिडेवलप करने वाले बिल्डर नौशादभाई का कहना है कि, ढाई साल में इमारत बन कर तैयार है. हमने यहा 24 घर में से 56 घर बनाए हैं. इसलिए यहां के हिंदू लोगों ने इमारत को लेकर अशांत धारा का मुद्दा बनाया है.

हालांकि अशांत धारा के तहत हिंदू मुस्लिम का घर नहीं खरीद सकता है और मुस्लिम हिंदू का घर नहीं खरीद सकता है. ऐसे में दो फ्लैट जो रिडेवलपमेंट के पहले हिंदू के थे वो मुस्लिम के कैसे हो गए. उसे लेकर अशांत धारा का नियम भंग होने का दावा किया जा रहा है. यहां तक उसे लेकर गलत ऐफिडेविट बनाकर अशांत धारा में एनओसी सर्टीफिकेट लेने का भी दावा किया जा रहा है.

गौरतलब है कि 1970 में तैयार इमारत काफी पुरानी हो चुकी थी. इस वजह से अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के जरिए इमारत को खाली करने का ऑर्डर दे दिया गया था. हालांकि तब भी यहां रहने वाले लोगों ने इसे खाली नहीं किया था. इसके बाद 2015 में इस इमारत को रिडेवलपमेंट के लिए दिया गया. बिल्डर का कहना है कि, आज सभी मकान मालिक को पजेशन दे दिया गया है. लेकिन यहां पर कोई भी रहने नहीं आ रहा है.

Advertisement

बिल्डर ने रिडेवलपमेंट के लिए लोगों को फ्लैट के साथ पेसे भी दिए थे. हालांकि ये सभी 22 फ्लैट में मुस्लिम रह रहे थे. लेकिन अब इस में 56 मुस्लिम परिवार रहने आएंगे. इसके चलते हिंदूवादी संगठन एतराज जता रहे हैं. इसी को लेकर बिल्डर ने गुजरात हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की है. वहीं अहमदाबाद कलेक्टर विक्रांत पांडेय का कहना है कि, अशांत धारा के नियम का भंग हुआ है या नहीं उसकी पूरी जांच की जाएगी.

Advertisement
Advertisement