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गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बने केबल ब्रिज के टूट जाने से 134 लोगों की मौत हो चुकी है. मौके पर अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और कई लोगों को बाहर निकाला जा रहा है. ये ब्रिज पिछले कई महीनों से बंद चल रहा था, जिसे रिपेयर कर अभी पांच दिन पहले ही खोला गया था. लेकिन कहा जा रहा है कि रविवार को ब्रिज पर जरूरत से ज्यादा लोग आ गए जिस वजह से वो टूट गया और ये बड़ा हादसा हुआ. अब इस हादसे पर मोरबी म्युनिसिपल चीफ ऑफिसर की ओर से बड़ा दावा किया गया है.
अधिकारी का दावा- बिना अनुमति खुला ब्रिज
मोरबी म्युनिसिपल चीफ ऑफिसर संदीप सिंह झाला के मुताबिक उनसे बिना अनुमति ले ही ब्रिज खोल दिया गया था. उनकी तरफ से कोई फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं दिया गया था. दावा तो ये भी किया गया ओरेवा कंपनी ने ब्रिज खुलवाने से पहले कोई क्वालिटी चेक नहीं करवाया था. संदी सिंह ने ये भी जानकारी दी है कि इस ब्रिज पर असल में एक बैच में सिर्फ 20 से 25 लोगों को जाने की अनुमति रहती है. हमेशा से ही ऐसा होता आ रहा है. लेकिन रविवार को हुए हादसे की एक बड़ी वजह से लापरवाही रही. अधिकारी बताते हैं कि एक साथ 400-500 लोगों को ब्रिज पर भेज दिया गया और उसी वजह से वो टूटा. आजतक से बातचीत के दौरान संदीप सिंह ने इस बात पर भी जोर दिया कि रिनोवेशन जो पूरा हो भी गया था, उसकी जानकारी कंपनी द्वारा उन्हें नहीं दी गई थी.
(मोरबी म्युनिसिपल चीफ ऑफिसर संदीप सिंह झाला)
अब जानकारी के लिए बता दें कि ओरेवा वो कंपनी है जिसे ब्रिज की रिनोवेशन का काम सौंपा गया था. पिछले सात महीने से जो रिनोवेशन चल रही थी, वो ओरेवा कंपनी द्वारा ही की जा रही थी. 26 अक्टूबर को इसे लोगों के लिए फिर खोल दिया गया था.
लेकिन रविवार को शाम 6.30 बजे ब्रिज पर जरूरत से ज्यादा लोग पहुंच गए थे. स्थानीय लोगों के मुताबिक 400 से 500 लोग ब्रिज पर मौजूद थे. लेकिन केबल ब्रिज इतना वजन सहन नहीं कर सका और बीच से ही टूट गया. कई लोग नदी में डूब गए, कुछ की मौके पर ही मौत हो गई तो कुछ ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. अभी भी रेस्क्यू जारी है, कई लोगों को बाहर निकाला जा रहा है. कहा जा रहा है कि मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है.
हादसे की जांच करेगी SIT
अभी के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की है. उन्होंने ब्रिज के टूटने के बाद एक समीक्षा बैठक भी की, जिसमें उनकी कैबिनेट के मंत्री, सांसद, विधायक और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारी शामिल थे. इस दौरान स्थिति की समीक्षा की गई. घटना की जांच के लिए एसआईटी की पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. गुजरात सरकार ने हादसे की जांच के लिए 5 लोगों की SIT का गठन कर दिया है, जिसमें म्युनिसिपल कारपोरेशन के एक IAS अधिकारी, एक क्वालिटी कंट्रोल इंजीनियर और 3 अन्य आधिकारी शामिल रहेंगे. इसके अलावा CID की एक टीम भी इसकी जांच करेगी. उनकी जानकारी के लिए जिला कलेक्टर कार्यालय के आपदा नियंत्रण कक्ष ने हेल्पलाइन नंबर 02822 243300 जारी किया है.
मुआवजे का किया गया ऐलान
हादसे के बाद गुजरात सरकार की तरफ से मृतकों के परिवार के लिए 4 लाख रुपये और घायलों के लिए 50 हजार रुपये के मुआवजे का ऐलान किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्रीय राहत कोष से हादसे में जान गंवाने वालों के परिवार को 2 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए मुआवजा दिए जाने का ऐलान किया है.